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हाथरस की घटना को सुप्रीम कोर्ट ने बताया भयानक, चौंकाने वाला और असाधारण, यूपी सरकार से इन 3 मुद्दों पर मांगा हलफनामा

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हाथरस की घटना को भयानक, चौंकाने वाला और असाधारण करार दिया। शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से तीन पहलुओं पर एक हलफनामा मांगा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की रक्षा किस तरह की जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट/ फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट/ फाइल फोटो 

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हाथरस की घटना को भयानक, चौंकाने वाला और असाधारण करार दिया। शीर्ष न्यायालय ने इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार से तीन पहलुओं पर एक हलफनामा मांगा है कि पीड़ित परिवार और गवाहों की रक्षा किस तरह की जा रही है। क्या इस मामले में परिवार ने अपनी सहायता के लिए वकील रखा है और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की कार्यवाही का दायरा क्या है तथा वह इसका दायरा किस तरह बढ़ा सकता है। प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत सुनिश्चित करेगी कि मामले की जांच निर्विघ्न हो।

Published: 06 Oct 2020, 5:18 PM IST

सीजीआई ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंग से कहा, "यह घटना भयानक है, चौंकाने वाली है . हम इसीलिए आपको सुन रहे हैं, क्योंकि यह घटना असाधारण है।" इंदिरा जयसिंग ने मामले को दिल्ली स्थानांतरित करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में कई प्रदर्शनकारियों के खिलाफ 27 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। साथ ही उन्होंने गवाहों को सुरक्षा दिए जाने पर भी जोर दिया।

Published: 06 Oct 2020, 5:18 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अदालतों के बाहर कई तरह की बातें कही जा रही हैं और केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच करके ही इन्हें खत्म किया जा सकता है। मेहता ने कहा कि पीड़ित परिवार को पहले से ही पुलिस सुरक्षा मिली हुई है। गवाहों की भी सुरक्षा की जा रही है।

Published: 06 Oct 2020, 5:18 PM IST

मेहता ने कहा, "तथ्यों की जानकारी के बिना अदालत में तर्क दिए जा रहे हैं।" मामले में शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार को तीन पहलुओं पर एक और हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही सुनवाई को अगले सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दिया है।

बता दें कि शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी एक सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा दायर की गई जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान की गई। इसमें याचिकाकर्ता ने हाथरस की घटना की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। हाथरस के बुलगड़ी गांव में 19 वर्षीय दलित किशोरी के साथ कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। युवती की मौत 29 सितंबर को दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल हो गई थी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

Published: 06 Oct 2020, 5:18 PM IST

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Published: 06 Oct 2020, 5:18 PM IST