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'निर्वाचन आयोग सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है BJP', सिद्धरमैया ने केंद्र पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि यह ‘‘हेराफेरी’’ पूरे देश में हो रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वह अब एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था के रूप में काम नहीं कर रहा।

निर्वाचन आयोग सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है बीजेपी: सिद्धरमैया
निर्वाचन आयोग सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है बीजेपी: सिद्धरमैया फोटोः सोशल मीडिया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर लगाए गए बड़े पैमाने पर चुनावी कदाचार के आरोपों को दोहराते हुए कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी मतदाता सूचियों में हेरफेर करने और निर्वाचन आयोग सहित लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

सिद्धरमैया ने ‘पीटीआई-वीडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि राहुल गांधी का यह आरोप सही है कि असली मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं और नकली नाम जोड़े जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र, हरियाणा और कर्नाटक में ऐसा हो चुका है’’ और आशंका जतायी कि ‘‘वे (बीजेपी) बिहार में भी ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।’’

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मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि यह ‘‘हेराफेरी’’ पूरे देश में हो रही है। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि वह अब एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था के रूप में काम नहीं कर रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग केंद्र सरकार के निर्देश पर काम कर रहा है। यह स्वतंत्र नहीं है। निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा।’’

सिद्धरमैया ने ‘‘लोकतंत्र के खतरे’’ में होने का दावा करते हुए घोषणा की कि कांग्रेस इन कथित अनियमितताओं को उजागर करने और चुनावी प्रक्रिया की शुचिता की रक्षा के लिए सुधारों की मांग करने के मकसद से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी।

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सिद्धरमैया ने देशभर में जाति आधारित जनगणना कराने के महत्व को दोहराते हुए कहा, ‘‘हर राज्य को जाति आधारित जनगणना करानी शुरू करनी चाहिए। यह सामाजिक-आर्थिक, शैक्षणिक, रोजगार-आधारित और राजनीतिक होनी चाहिए क्योंकि सभी को पता होना चाहिए कि स्वतंत्रता के बाद किसी व्यक्ति की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति क्या है और क्या आजादी सभी तक पहुंची है या नहीं, क्या समानता आई है या नहीं।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान का उद्देश्य बदलाव लाना और असमानता को दूर करना है।

उन्होंने कर्नाटक की अपनी जाति आधारित जनगणना के बारे में कहा कि प्राधिकारियों को प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि वे समय सीमा का पालन करेंगे।

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सिद्धरमैया ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण में कथित भूमि आवंटन घोटाले के बारे में कहा, ‘‘यह एक झूठा मामला है। वे मुझे, मेरी पत्नी और मेरे परिवार को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। हालांकि यह पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के अंतर्गत नहीं आता है - इस मामले में कोई धनशोधन नहीं हुआ है- फिर भी उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को अनावश्यक रूप से परेशान किया।’’

मुख्यमंत्री ने उच्चतम न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि अदालत ने सही कहा है कि अगर राजनीति करनी है, तो चुनावों में करो, यहां नहीं। इस मामले में नहीं, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के जरिए नहीं। यह उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की बीजेपी को चेतावनी है।’’

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बेंगलुरु में चार जून को चिन्नास्वामी क्रिकेट स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत होने के मामले में सिद्धरमैया ने कहा कि कैबिनेट ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल डी'कुन्हा द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली है।

उन्होंने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों के अलावा, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए), रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु (आरसीबी) और डीएनए (कार्यक्रम प्रबंधन एजेंसी) के अधिकारियों के खिलाफ पहले ही आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी जांच की जाएगी।’’

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