केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक, अब 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं की आंसर-शीट्स डिजिटल रूप में मूल्यांकन की जाएंगी। इसे लागू करने के लिए एक या एक से ज्यादा एजेंसियों का चयन किया जाएगा।
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CBSE की गवर्निंग बॉडी ने यह फैसला क्षेत्रीय कार्यालयों में कुछ विषयों पर पायलट सफल होने के बाद सभी विषयों में लागू करने पर सहमति जताई। यानी पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट्स चलाए जाएंगे।
यह फैसला साल 2014 और 2015 में की गई सीमित डिजिटल मूल्यांकन प्रक्रियाओं की सफलता को देखते हुए लिया गया है। उस समय कुछ विषयों को डिजिटल रूप में परीक्षण किया गया था।
डिजिटल मूल्यांकन के लिए चुनी जाने वाली एजेंसियों के पास स्कूलों, विश्वविद्यालयों या सरकारी परीक्षा निकायों में डिजिटल आंसर-शीट मूल्यांकन का अनुभव होना जरूरी होगा। खासकर सुरक्षा, गोपनीयता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दृष्टि से।
इस पूरी व्यवस्था की अनुमानित लागत करीब 28 करोड़ बताई गई है।
बोर्ड का मानना है कि डिजिटल मूल्यांकन से क्षेत्रीय असमानताओं की समस्या दूर होगी और मूल्यांकन की सटीकता बढ़ेगी।
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शैक्षणिक सत्र 2026-27 से कक्षा 9 में ओपन-बुक मूल्यांकन लागू किया जाएगा। इससे छात्रों के रटने की बजाय समझ और विश्लेषण क्षमता का विकास होगा, जो की विश्व स्तर पर शिक्षा के नए स्वरूप की मांग है।
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