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राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल का भावुक संदेश: आपने सिखाया मुझे प्यार और सम्मान

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए लिखा है कि जो लोग नफरत पालते हैं, जीवन भर उसी की कैद में रहते हैं, आपने मुझे प्यार और सम्मान सिखाया है, जो किसी पिता की तरफ से सबसे शानदार तोहफा है।

फोटो : @INCIndia
फोटो : @INCIndia अपने पिता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी। साथ में हैं प्रियंका गांधी

देश आज पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को याद कर रहा है। 27 साल पहले आज ही के दिन उनकी हत्या कर दी गई थी।

अपने पिता की 27वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक भावुक संदेश भी ट्विटर पर लिखा। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता ने मुझे सिखाया कि जो लोग नफरत पालते हैं, जिंदगी भर नफरत की कैद में रहते हैं। आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं उन्हें धन्यवाद कहना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे सभी लोगों से प्यार और सम्मान करना सिखाया। यह एक पिता की तरफ से अपने बेटे को सबसे मूल्यवान उपहार है। राजीव गांधी, हम सब आपसे प्यार करते हैं और आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे।'

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इस मौके पर यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वड्रा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई नेताओं ने दिल्ली में वीर भूमि जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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21 मई 1991 की वो काली रात

स्व. राजीव गांधी की हत्या को आज 27 साल पूरे हो गए। तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमला ने वम विस्फोट कर उनकी जान ले ली थी। वे वहां जब वो एक चुनावी रैली को संबोधित करने जा रहे थे। 21 मई 1991 को रात तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट पर राजीव गांधी रैली स्थल पर पहुंचे। वे कार की अगली सीट पर बैठे थे और उन्होंने उतरते ही सबका अभिवादन किया। मंच की ओर बढ़ते हुए एक महिला आत्मघाती हमलावर धनु ने उन्हें माला पहनानी चाही, तो सब इंस्पेक्टर अनुसुइया ने उसे रोक दिया। हालांकि राजीव गांधी के कहने पर उसे माला पहनाने के लिए आने दिया गया। धनु ने उन्हें माला पहनाई और जैसे ही वो उनके पैर छूने के लिए नीचे झुकी, उसने अपने कमर से बंधे बम का बटन दबा दिया। एक जोरदार धमाका हुआ और फिर सबकुछ सुन्न हो गया। इस धमाके ने राजीव गांधी की जान ले ली।

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