कांग्रेस ने मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली पर करारा हमला बोला। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जेटली को उन्हीं की भाषा का इस्तेमाल करते हुए उनके ब्लॉग को मसखरी करने वाले दरबारी की हताशा करार दिया। कांग्रेस ने कहा कि देश को वित्त मंत्री चाहिए न कि बकबक ब्लॉगर।
दरअसल अरुण जेटली ने मंगलवार को एक ब्लॉग लिखा था जिसमें उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था। राफेल मुद्दे पर लिखे इस ब्लॉग में जेटली ने 5 बिंदू उठाए थे।
इसी ब्लॉग के जवाब में कांग्रेस ने तीखा हमला किया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि, “सल्तनत में खुद को एक प्रासंगिक दरबारी मसखरा बनाए रखने की हताशा में अरुण जेटली जी हर दिन और नीचे गिरते जा रहे हैं।” सुरजेवाला ने कहा कि ‘जेट लाई’ के फर्जी तरकश में सिर्फ गालियों, तमाशा और कपट के अलावा कुछ नहीं है।
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उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को बुरा-भला कहने की आड़ में वित्त मंत्री राजनीतिक रूप से प्रासंगिक मुद्दों पर जवाब क्यों नहीं देते। उन्होंने वित्त मंत्री से राफेल घोटाले पर 10 सवाल पूछे:
सुरजेवाला ने कहा कि, “हमें पता है कि इन 10 सवालों पर आपका जवाब शून्य होगा, ऐसे में आपके पास गालियों के अलावा और कोई बचाव नहीं है।”
सुरजेवाला ने आगे कहा कि, “हमें पता है कि आप राफेल पर एक बार फिर झूठ बोल रहे हैं, ऐसे में हम आपका कुछ ज्ञानवर्धन कर देते हैं।” उन्होंने इस बारे में ये बिंदू सामने रखे:
दिनांक 16 फरवरी 2016 को रिलायंस डिफेंस ने अपने प्रेस रिलीज़ में दावा किया है कि उसे ₹30,000 करोड़ का ऑफसेट कांट्रेक्ट मिला है
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रिलांयस डिफेंस ने अपने निवेशकों के लिए जो प्रेजेंटेशन तैयार किया है, उसमें साफ कहा गया है कि उसे ₹30,000 करोड़ का ऑफसेट कांट्रेक्ट और ₹ 100,000 करोड़ का लाइफ साइकिल कांट्रेक्ट मिला है।
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रिलांयस इंफ्रास्ट्रक्चर की 2016-17 की सालाना रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसे ₹ 30,000 करोड़ का ऑफसेट कांट्रेक्ट हासिल हुआ है
कांग्रेस ने चुनौती दी है कि अगर ये सारे तथ्य गलत हैं तो सरकार को रिलायंस डिफेंस के खिलाफ देश के साथ ही निवेशकों और शेयर धारकों को गुमराह करने के लिए कार्रवाई करने का साहस दिखाना चाहिए। सुरजेवाला ने कहा कि, “लेकिन आप ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि मोदी सरकार देश की सेवा नहीं करती, बल्कि मुट्ठीभर कार्पोरेट की मददगार है।”
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कांग्रेस ने बैंकों के एनपीए पर भी जेटली के ब्लॉग का जवाब दिया है। कांग्रेस ने कहा कि, “राजनीतिक विस्मरण और छाती कूटने से देश की अर्थव्यवस्था को चौपट करने के आपके अपराध पर पर्दा नहीं पड़ने वाला और न ही बैंकों के बढ़ते एनपीए पर आपके तर्कों से आर्थिक नजरिया अपनाने में मोदी सरकार के दिवालियेपन को छिपाया जा सकता है।”
अर्थव्यवस्था और बैंकों के एनपीए पर भी कांग्रेस ने जेटली से सवाल पूछे हैं:
24 जुलाई 2018 को वित्त मंत्रालय ने संसद में दिए जवाब में स्वीकार किया था कि जब यूपीए सरकार ने सत्ता छोड़ी तो उस समय बैंकों के एनपीए 2,51,054 करोड़ थे। लेकिन मार्च 2018 तक यह एनपीए बढ़कर ₹ 961,962 हो गया था।
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