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कोरोना वायरस महामारी ने बच्चों की जिंदगी पर डाला बड़ा असर, कई तरह की परेशानी झेल रहे बच्चे

कोरोना वायरस महामारी ने वैसे तो आम आदमी की जिंदगी पर असर डाला है, मगर बच्चे इससे कुछ ज्यादा ही प्रभावित हुए हैं,क्योंकि उनकी पढ़ाई से लेकर खेल-कूद और दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कोरोना वायरस महामारी ने वैसे तो आम आदमी की जिंदगी पर असर डाला है, मगर बच्चे इससे कुछ ज्यादा ही प्रभावित हुए हैं,क्योंकि उनकी पढ़ाई से लेकर खेल-कूद और दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हुई है। बच्चों ने अपनी परेशानी को चाइल्ड राइट अब्जर्वेटरी (सीआरओ) और यूनिसेफ के संयुक्त आयोजन में खुलकर जाहिर किया। बच्चों के अधिकारों की पैरवी करने वाली संस्था-सीआरओ और यूनिसेफ ने मिलकर सोशल मीडिया के मंच पर जनप्रतिनिधियों और बच्चों के बीच सीधे संवाद का आयोजन किया। इस संवाद में प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों के बच्चे जुड़े और उन्होंने अपनी बात बेबाकी से रखी।

Published: 29 Sep 2020, 5:45 PM IST

इंदौर जिले के दसवीं के छात्र हर्ष पंडित ने कहा, "ऑनलाइन पढ़ाई वैसी नहीं होती, जैसी स्कूलों में होती है और लगातार मोबाइल पर पढ़ाई करने से आंखों में भी दर्द होता है। साथ ही शारीरिक और मानसिक परेशानी भी आ रही है।" उमरिया की तृप्ति शर्मा ने स्कूलों के बंद होने और राजनीतिक गतिविधियां जारी रहने का सवाल उठाया। उसका कहना है कि अगर कोरोना के चलते स्कूल बंद किए गए हैं तो राजनीतिक दलों की सभाएं और बैठकें क्यों हो रही हैं।

Published: 29 Sep 2020, 5:45 PM IST

इसी तरह कई बच्चों ने अपने पास मोबाइल न होने, मोबाइल पर लगातार पढ़ाई करने से आंखों में दर्द होने और साथियों उसके साथ नहीं मिल पाने का मसला भी उठाया।

बच्चों से संवाद करते हुए बीजेपी नेत्री नेहा बग्गा ने कहा, "इस महामारी के बीच हमें नए रास्ते खोजना पड़ रहे हैं क्योंकि चुनौतियां अलग तरह की हैं, इसलिए ऐसा रास्ता निकालने की जरूरत है जिससे बच्चों को परेशानी न हो और उनकी पढ़ाई भी निरंतर चलती रहे।

Published: 29 Sep 2020, 5:45 PM IST

सीआरओ की अध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच का कहना है कि बच्चों ने जो समस्याएं बताई हैं उन्हें हल कराने के प्रयास किए जाएंगे और जो समस्या सरकारी स्तर पर हल हो सकती है उससे सरकार को अवगत कराया जाएगा। वहीं कई समस्याएं समाज और परिवार मिलकर निदान कर सकता है, इस दिशा में भी पहल होगी।

यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने सोशल मीडिया पर हुए संवाद का समन्वय किया और बच्चों की समस्याओं के समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा दिया। इस चर्चा के दौरान श्योपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष कविता मीना, जबलपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल, कोदरिया की सरपंच अनुराधा जोशी ने भी अपने विचार रखे साथ ही कोरोना से निपटने के लिए अपने स्तर पर किए जा रहे प्रयासों का ब्यौरा भी दिया।

Published: 29 Sep 2020, 5:45 PM IST

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Published: 29 Sep 2020, 5:45 PM IST