सीपीएम ने एक बयान में कहा, "मीडिया में खबरें हैं कि गृहमंत्री राजनाथ सिह के आवास पर त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी और आरएसएस नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में डोभाल भी उपस्थित थे। अगर सही है तो, यह नियमों का स्तब्ध करने वाला उल्लंघन और गंभीर कदाचार है।"
सीपीएम का कहना है कि, "कैसे एनएसए जैसा सरकारी तंत्र का एक शीर्ष पदाधिकारी बीजेपी के चुनावी अभियान की बैठक में हिस्सा ले सकता है? गृह मंत्रालय को तत्काल स्पष्टीकरण देना चाहिए।"
अगरतला में, सीपीएम के राज्य सचिव बिजान धर ने कहा कि राजनाथ सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव और राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल समेत अन्य के साथ बैठक की थी। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ए के जोति को लिखे पत्र में कहा कि डोभाल भी उस बैठक में उपस्थित थे।
सीपीएम की केंद्रीय समिति के सदस्य धर ने कहा कि एनएसए जैसा अतिमहत्वपूर्ण पद संभाल रहे व्यक्ति का बीजेपी की बैठक में रहना न केवल अवांछनीय और आपत्तिजनक है, बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी द्वारा प्रशासन के जबरदस्त दुरुपयोग का उदाहरण है।
मोदी सरकार के सबसे ताकतवर नौकरशाह माने जाने वाले अजित डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2014 में सत्ता संभालते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया था। अजित डोभाल सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। अजित डोभाल उन चंद लोगों में हैं, जिनकी बात पीएम मोदी सुनते हैं।
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