देश

‘आधार’ लीक: खबर करने वाले अखबार और पत्रकार पर एफआईआर, एडिटर्स गिल्ड ने किया विरोध

महज 500 रुपए में किसी के भी आधार का विवरण आसानी से बिकने की खबर छापे जाने से नाराज आधार प्राधिकरण ने ‘द ट्रिब्‍यून,’ पत्रकार रचना खैरा और तीन अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया पिछले लंबे समय से आधार जानकारी के सुरक्षित होने पर बहस जारी है

500 रुपए में आधार की जानकारी बिकने की खबर छापने वाले अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्‍यून’ और उसकी पत्रकार रचना खैरा और तीन अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पर आधार प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है।

आधार प्राधिकरण के इस कदम की निंदा करते हुए संपादकों के संगठन एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान जारी कर कहा कि आधार जानकारी बेचे जाने की खबर करने वाली पत्रकार रचना खैरा के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 468, 471 समेत आईटी कानून और आधार कानून के अंतर्गत दिल्ली की अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज कराए जाने की एडिटर्स गिल्ड इंडिया कड़ी निंदा करता है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राज चेंगप्पा द्वारा जारी बयान में कहा गया, “यूआईडीएआई का यह कदम प्रेस की आजादी पर सीधा हमला है। खबर करने के लिए रिपोर्टर को सजा देने की बजाय प्राधिकरण को इस मामले की आंतरिक जांच का आदेश देना चाहिए था और उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए।” एडिडर्स गिल्ड ने मांग की है कि इस मामले से संबंधित मंत्रालय को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और रिपोर्टर के खिलाफ किए गए केस को वापस लिया जाना चाहिए। कई अन्य पत्रकारों ने भी सरकार के इस कदम की आलोचना की है। सोशल मीडिया पर भी देश भर के लोग इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं।

Published: 07 Jan 2018, 7:17 PM IST

इस मामले पर कांग्रस पार्टी ने भी केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “यह मामला जानाकरी को जानबूझ कर नजरअंदाज कर जानकारी देने वाले को ही प्रताड़ित करने का नायाब उदाहरण है। ट्रिब्यून की पत्रकार के खिलाफ एफआईआर सत्ता की ताकत का सबसे गंभीर दुरुपयोग है। मोदी सरकार और आधार प्राधिकरण के इस कदम की हर भारतीय को निंदा करनी चाहिए।”

Published: 07 Jan 2018, 7:17 PM IST

कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने सामाजिक योजनाओं का लाभ सभी गरीब लोगों तक पहुंचाने के लिए आधार की परिकल्पना को लागू किया था। लेकिन वर्तमान मोदी सरकार इस योजना का दुरुपयोग लोगों की निजता पर नजर रखने के लिए कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “इस सरकार की सोच इतनी छोटी है कि जब कोई भी सरकार की किसी योजना की खामियों को उजागर करता है, तो ये सरकार अपनी उस योजना की खामियों की जांच करने की बजाय उसी व्यक्ति के ऊपर हमला करने लगती है। इसके तहत एफआईआर तक दर्ज करा दिए जाते हैं। ये इस सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता है।”

Published: 07 Jan 2018, 7:17 PM IST

बीते दिनों अंग्रेजी अखबार ‘द ट्रिब्‍यून’ में प्रकाशित रचना खैरा की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सिर्फ 500 रुपए में किसी के भी आधार कार्ड का विवरण आसानी से उपलब्ध है। रिपोर्ट में एक अज्ञात शख्स द्वारा 500 रु के बदले व्‍हॉट्सएप पर आधार नंबर मुहैया कराने का दावा किया गया था। जब उस अज्ञात व्यक्ति को 300 रुपये और दिए गए तो उसने ऐसा सॉफ्टवेयर उपलब्ध करा दिया, जिसके जरिये किसी भी व्‍यक्ति के आधार का प्रिंट लिया जा सकता था।

इस रिपोर्ट के छपने के बाद काफी हड़कंप मच गया था। यूआईडीएआई ने तुरंत इस मामले की जांच कराने की बात कही थी। लेकिन 5 जनवरी को यूआईडीएआई ने अखबार और रिपोर्टर के अलावा तीन अन्य अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया। सभी के खिलाफ साइबर सेल में आईपीसी की धाराओं, 419, 420, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।

Published: 07 Jan 2018, 7:17 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 07 Jan 2018, 7:17 PM IST