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अब इस बीजेपी नेता ने शहीद हेमंत करकरे का किया अपमान, बताया आपराधिक मानसिकता वाला इंसान 

26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था। इन आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

बीजेपी के नेता मुंबई एटीएस के प्रमुख रहे शहीद हेमंत करकरे पर विवादास्पद बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बाद अब बीजेपी के पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने करकरे को आपराधिक मानसिकता का व्यक्ति करार दिया है।

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा करकरे की शहादत को उनके श्राप का नतीजा बताए जाने संबंधी बयान पर पूर्व सांसद शर्मा ने एक निजी चैनल से बातचीत में बुधवार को कहा, "यह सही है कि हेमंत करकरे अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गया, इसमें कोई दो मत नहीं, मगर कर्तव्य पर रहते हुए जो जुल्म किया, उस जुल्म का तो वह अपराधी है। कर्तव्य निभाते हुए वह शहीद हुआ तो कर्तव्य निभाते हुए आपराधिक मानसिकता सामने प्रकट हुई है। उसने एक महिला-साध्वी को अमानवीय और बर्बर कष्ट दिया, जिससे सारा हिंदू समाज उद्वेलित था। इसमें छुपी हुई बात कौन-सी है। अगर ऐसे शब्द प्रकट होते हैं, तो कांग्रेस उसे मुद्दा बनाती है।" रघुनंदन शर्मा ने ही सबसे पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से बीजेपी के उम्मीदावर बनाने का सुझाव दिया था।

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वहीं इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष और बीजेपी की नेता सुमित्रा महाजन ने भी शहीद हेमंत करकरे पर सवाल उठाए थे। उन्होंने हेमंत करकरे की शहादत को लेकर कहा था कि करकरे को शहीद के रूप में ही जाना जाएगा क्योंकि वे ऑन ड्यूटी आतंकियों की गोली का शिकार हुए थे। लेकिन महाराष्ट्र एटीएएस के प्रमुख के रूप में करकरे की भूमिका संदेह से परे नहीं थी।

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बता दें कि पिछले दिनों प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे की शहादत को अपने द्वारा दिए गए श्राप का नतीजा बताते हुए कहा था, "उन दिनों मैं मुंबई जेल में थी। जांच आयोग ने सुनवाई के दौरान एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब प्रज्ञा के खिलाफ कोई सबूत नहीं है तो उन्हें छोड़ क्यों नहीं देते। तब हेमंत ने कई तरह के सवाल पूछे, जिस पर मैंने जवाब दिया कि इसे भगवान जाने। इस पर करकरे ने कहा कि 'तो, क्या मुझे भगवान के पास जाना होगा'।"

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प्रज्ञा ने कहा था, "उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था। हिदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है। जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने के साथ हुआ।"

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26 नवंबर, 2008 को मुंबई में आतंकवादियों ने हमला किया था। इन आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे।

विवादित बयान का चौतरफा विरोध होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर को यू-टर्न लेना पड़ा था और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगते हुए अपना बयान वापस लिया था।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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