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पूर्व BJP सांसद ने किया करोड़ों का फर्जीवाड़ा ! मुकदमा दर्ज

गुजरात से BJP के पूर्व सांसद और पंचमहल डेयरी के पूर्व चेयरमैन भूपेंद्र सिंह सोलंकी और उनके 8 सहयोगियों के खिलाफ गोधरा पुलिस ने 2 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में केस दर्ज किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

गुजरात से BJP के पूर्व सांसद और पंचमहल डेयरी के पूर्व चेयरमैन भूपेंद्र सिंह सोलंकी और उनके 8 सहयोगियों के खिलाफ गोधरा पुलिस ने 2 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में केस दर्ज किया है। यह फर्जीवाड़ा साल 2008 से 2010 के बीच फर्जी बिल और टैली शीट्स के जरिए किया गया।

सोलंकी 14वीं लोकसभा के दौरान बीजेपी के टिकट पर गोधरा से चुनाव जीते थे। पंचमहल डेयरी डेयरी किसानों से कच्चे दूध की खरीद कर उसे प्रोसेस करने के बाद बाजार में बेचने का काम करती है। इस मामले में शिकायतकर्ता डेयरी के डिप्टी मैनेजर चिराग पटेल ने ने इस संबंध में 9 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई हैं।

Published: 16 Nov 2019, 4:39 PM IST

जनसत्ता की खबर के मुताबिक, डेयरी की ऑडिट रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आई। एफआईआर के अनुसार अप्रैल 2008 और मार्च 2009 के बीच 1.49 करोड़ और अप्रैल 2009 और मार्च 2010 के बीच 91.52 लाख रुपए की चोरी हुई। पूर्व सांसद सोलंकी साल 1994 से 2009 तक डेयरी से जुड़े थे।

Published: 16 Nov 2019, 4:39 PM IST

अन्य आरोपियों में पंचमहल डेयरी के पूर्व प्रबंध निदेशक आरएस पटेल, पूर्व मार्केटिंग डिविजन के एमडी मनहरलाल दवे, मार्केटिंग डिविजन के ही डिप्टी मैनेजर राजेंद्र कुमार मेहता और सीनियर असिस्टेंट केसरसिंह जावेद भी शामिल हैं। इनके अलावा मार्केटिंग डिविजन के ही चार दूसरे लोग भी आरोपियों में शामिल हैं।

Published: 16 Nov 2019, 4:39 PM IST

साल 2018 में हुए स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट के बाद 21 अप्रैल 2018 को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में यह मुद्दा पहली बार उठा था। फाइनल ऑडिट रिपोर्ट और चर्चा के बाद इस मामले में पुलिस से शिकायत की गई। एफआईआर में कहा गया है कि मार्केटिंग डिविजन के चार लोगों के पास ट्रक पर कन्साइमेंट लोड करने की जिम्मेदारी थी। ये लोग ही ट्रक शीट और गेट पास तैयार करते थे। इसके बाद ही वाहनों को बाहर जाने की अनुमति मिलती थी।

Published: 16 Nov 2019, 4:39 PM IST

इन लोगों पर ही भेजे गए कन्साइमेंट की फाइनल डाटा शीट तैयार करने की जिम्मेदारी थी। फाइनल डाटा शीट को खरीदारों को भेजा जाता था और उनसे पैसे लिए जाते थे। पुलिस ने इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं की है। मामले की जांच की जा रही है।

Published: 16 Nov 2019, 4:39 PM IST

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Published: 16 Nov 2019, 4:39 PM IST