दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को आप नेता सत्येंद्र जैन से प्रवर्तन निदेशालय की उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें उनके खिलाफ धन शोधन मामले में आरोप तय करने पर बहस स्थगित करने की अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने आप नेता की लंबित याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आवेदन पर जैन को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई तीन मार्च को तय की है।
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मुख्य याचिका में जैन ने इस आधार पर आरोपों पर बहस स्थगित करने की मांग की है कि मामले में जांच अभी पूरी नहीं हुई है और न्याय के हित में यह होगा कि आरोपों पर बहस जांच पूरी होने के बाद ही सुनी जाए।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आवेदन में उच्च न्यायालय से यह भी आग्रह किया कि वह विशेष अदालत को आरोप के बिंदु पर सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दे, जब तक कि पूरक अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) दायर नहीं कर दी जाती।
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ईडी के वकील ने तर्क दिया, "एक सीमित सीमा तक मैं याचिकाकर्ता (जैन) की इस बात से सहमत हूं कि जब तक हम पूरक अभियोजन शिकायत दाखिल नहीं कर देते, आरोपों पर सुनवाई स्थगित कर दी जाए। याचिकाकर्ता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा, क्योंकि मुख्य याचिका में भी यही प्रार्थना की गई थी।"
उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी तीन जनवरी को निचली अदालत के समक्ष अनुसूचित अपराध में एक पूरक आरोपपत्र दायर किया है और आय से अधिक संपत्ति की मात्रा 1.47 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3.95 करोड़ रुपये कर दी है।
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ईडी के वकील ने कहा कि सीबीआई मामले में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के लिए स्थगन जरूरी था।
उच्च न्यायालय ने इससे पहले जैन की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा था जिसमें उन्होंने आग्रह किया था कि धन शोधन मामले में आरोप तय करने पर बहस इस याचिका के लंबित रहने तक रोक दी जाए।
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