झारखंड के गुमला जिले की पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के दो लाख के इनामी नक्सली दुर्गा सिंह उर्फ पंजरी और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।
दुर्गा सिंह लंबे समय से झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड नक्सलियों की लिस्ट में शामिल था। वह इस नक्सली संगठन के संस्थापक सदस्यों में है। करीब डेढ़ साल पहले पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद वही संगठन को लीड कर रहा था। उसके खिलाफ अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 18 मामले दर्ज हैं।
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गुमला के एसपी शंभु कुमार सिंह ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इन तीनों को कामडारा थाना क्षेत्र में मुरुमकेला तेतरटोली के पास से गिरफ्तार किया गया है। इनमें दुर्गा सिंह के अलावा कलेश्वर हजाम उर्फ टेम्पू हजाम और राजकुमार सिंह शामिल हैं।
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दुर्गा सिंह रांची के लापुंग थाना क्षेत्र के जरिया जमाकेल का रहने वाला है, जबकि राजकुमार सिंह रांची के ओरमांझी थाना क्षेत्र के हेंदेबिली गांव का निवासी है। कलेश्वर हजाम खूंटी जिले के जरियागढ़ थाना क्षेत्र के बकसपुर का रहने वाला बताया गया है। इनके पास से एक रेगुलर डबल बैरल रायफल, एक देशी कट्टा, आठ जिंदा गोलियां, पीएलएफआई के तीन पर्चे, एक मोबाइल फोन और एक बाइक जब्त किया गया है। दुर्गा सिंह पर कई कारोबारियों और ठेकेदारों को धमकी देकर उनसे रंगदारी वसूलने का आरोप है।
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एसपी ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआई के कुछ उग्रवादी कामडारा थाना क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कार्रवाई के लिए बसिया एसडीपीओ नाजिर अख्तर की अगुवाई में स्पेशल टीम बनाकर बुधवार की रात करीब 10:30 बजे मुरुमकेला तेतरटोली के पास कुछ संदिग्ध लोगों को दो बाइक पर सवार होकर आते देखा गया। पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो सभी जंगल की तरफ भागने लगे। एक बाइक पर सवार लोग अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकलने में कामयाब रहे। वहीं, दूसरी बाइक पर सवार तीन लोगों को दबोच लिया गया।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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