कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने "वोट चोरी" समेत कई अहम मुद्दों को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा और दावा किया कि बिहार विधानसभा चुनाव देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा और यहीं से नरेंद्र मोदी सरकार के "भ्रष्ट शासन" की उलटी गिनती और अंत की शुरुआत होगी।
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खड़गे ने कहा, "2025 का विधानसभा चुनाव न सिर्फ बिहार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। यहीं से मोदी सरकार के भ्रष्ट शासन की उलटी गिनती और अंत की शुरुआत होगी।"
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उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की आंतरिक कलह अब खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया, "नीतीश कुमार को बीजेपी ने मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है। बीजेपी अब उन्हें बोझ मानने लगी है।"
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खड़गे ने कथित "वोट चोरी" का उल्लेख करते हुए कहा कि जब मतदाता सूचियों से आधिकारिक रूप से छेड़छाड़ की जा रही है तो आवश्यक है कि लोकतंत्र की जननी बिहार में अपनी विस्तारित कार्य समिति की बैठक के माध्यम से देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाए रखने की अपनी प्रतिज्ञा को पुनः दोहराया जाए।
उन्होंने कहा ‘‘ठीक 85 साल पहले कांग्रेस के रामगढ़ अधिवेशन में पहली बार संविधान सभा का प्रस्ताव आया था। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबासाहेब आंबेडकर एवं संविधान सभा के सदस्यों ने मिलकर देश के नागरिकों को “एक व्यक्ति - एक वोट” का अधिकार दिया।"
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उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव लोकतंत्र का आधार हैं। खड़गे ने दावा किया कि आज निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर ही गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने कहा, "विभिन्न राज्यों में खुलासे हुए हैं। आयोग उन सवालों के जवाब देने के बजाय हम से हलफनामा मांग रहा हैं।"
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कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि बिहार की ही तर्ज पर अब देश भर में लाखों लोगों के वोट काटने की साजिश रची जा रही है।
उन्होंने कहा, "वोट चोरी का मतलब है- दलित, आदिवासी, पिछड़ा, अति-पिछड़ा, अल्पसंख्यक, कमजोर और गरीब के राशन की चोरी, पेंशन चोरी, दवाई चोरी, बच्चों की छात्रवृत्ति और परीक्षा की चोरी। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की वजह से बिहार की जनता में इसके बारे में जागरूकता फैली और लोग खुलकर राहुल गांधी के समर्थन में आए।"
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उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मोदी सरकार के साथ-साथ अन्य राज्यों की बीजेपी सरकारें भी धार्मिक ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक भावनाओं को उकसाने के मौके तलाशती रहती हैं।
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खड़गे ने कहा कि बिहार की 80 फीसदी आबादी OBC, EBC और SC/ST वर्गों से है। जनता जाति जनगणना और आरक्षण नीतियों में पारदर्शिता चाहती है। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरकर जाति जनगणना के लिए मजबूर किया है। बिहार में भी कांग्रेस महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में जाति सर्वेक्षण हुआ।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "मैं प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि क्या मजबूरी है कि बिहार की जनता को सरकार द्वारा पारित 65% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा नहीं दिलवा पाये? इतिहास गवाह है कि कांग्रेस सरकार ने तो आज से तीस साल पहले तमिलनाडु के लोगों के लिए 69 फीसदी आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा दी। इसे डबल इंजन की सरकार यहां नहीं कर पाई।"
उन्होंने कहा, "सबसे अजीब बात UP के मुख्यमंत्री ने की , जो अपने आप को प्रधानमंत्री का उत्तराधिकारी समझते हैं। उन्होंने पहले आरक्षण के विरोध में लेख भी लिखा था। अब उन्होंने जातियों के नाम पर होनेवाली रैलियों पर रोक लगा दी है। क्या प्रधानमंत्री जी देश को बताएंगे कि एक तरफ़ हम सब जाति जनगणना करने की बात कर रहे हैं, और दूसरी तरफ़ ऐसे लोग जो अपने ऊपर हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ सड़क पर उतरते हैं, उनको आपके मुख्यमंत्री जेल में डालने की बात कर रहे हैं। क्या ये सही है? आपको जनता को बताना चाहिए।"
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खड़गे ने पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में दिए अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बयानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष किया और कहा ‘‘प्रधान मंत्री जिनको “मेरे दोस्त” बताकर ढिंढोरा पीटते हैं, वही दोस्त आज भारत को अनेकों संकट में डाल रहे हैं।"
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पटना में हो रही यह कार्य समिति की बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम ऐसे समय में मिल रहे हैं जब भारत अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बेहद चुनौतीपूर्ण और चिंताजनक दौर से गुजर रहा है।
ऐसे समय में जब हमारी मतदाता सूची से आधिकारिक रूप से छेड़छाड़ की जा रही है, यह अत्यावश्यक है कि हम लोकतंत्र की जननी बिहार में अपनी विस्तारित कार्य समिति की बैठक करें ताकि इस देश के लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के अपने संकल्प को पुनः दोहरा सकें।
ठीक 85 साल पहले रामगढ़ अधिवेशन में पहली बार संविधान सभा का प्रस्ताव पेश किया गया था। महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अंबेडकर और संविधान सभा के सदस्यों ने मिलकर इस देश के नागरिकों को “एक व्यक्ति, एक वोट” का अधिकार दिया।
लोकतंत्र की नींव निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हैं। लेकिन आज निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विभिन्न राज्यों में खुलासे हुए हैं और उन सवालों का जवाब देने के बजाय आयोग हमसे हलफनामा मांग रहा है।
पूरे देश में, बिहार की तर्ज पर, लाखों मतदाताओं को मताधिकार से वंचित करने की साजिश रची जा रही है। वोट चोरी का मतलब है– दलित, आदिवासी, पिछड़े, अति-पिछड़े, अल्पसंख्यक, कमजोर और गरीबों के राशन की चोरी, पेंशन की चोरी, दवाइयों की चोरी, बच्चों की छात्रवृत्ति और परीक्षाओं की चोरी। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की वजह से बिहार की जनता में इसके बारे में जागरूकता फैली और लोग खुलकर राहुल गांधी जी के समर्थन में सामने आए।
महात्मा गांधी के 100 साल पुराने ‘स्वदेशी’ के मंत्र का, जिसका इस्तेमाल कांग्रेस ने अंग्रेजों को हराने के लिए किया था, आज मोदी जी स्मरण कर रहे हैं। दूसरी ओर, चीन के लिए खुलेआम लाल कालीन बिछाया जा रहा है। पिछले पाँच वर्षों में चीन से हमारा आयात दोगुना हो गया है।
आज हमारा देश अनेक समस्याओं से जूझ रहा है। इनमें आर्थिक मंदी, बेरोजगारी, सामाजिक ध्रुवीकरण और स्वायत्त संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने और निशाना बनाने जैसी समस्याएँ शामिल हैं।
“2 करोड़ नौकरियों” का वादा अधूरा है। युवा रोजगार के बिना भटक रहे हैं। नोटबंदी और त्रुटिपूर्ण जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया। आठ साल बाद प्रधानमंत्री ने अपनी गलती मानी। अब वही जीएसटी सुधार लागू किए जा रहे हैं जिनकी मांग कांग्रेस पार्टी पहले दिन से कर रही थी।
मोदी जी मानते हैं कि देश की जनता को अधिक खर्च करना चाहिए, लेकिन जब पिछले दस वर्षों में आय नहीं बढ़ी और केवल महंगाई बढ़ी है, तो लोग अधिक खर्च कैसे करें?
ग्रामीण खपत 50 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर है। असमानता चरम पर है। अमीर और अमीर होते जा रहे हैं, गरीब और गरीब।
प्रधानमंत्री किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा करने में विफल रहे। 2020-21 के तीन काले कानूनों के कारण विरोध प्रदर्शन हुए और 750 से अधिक किसान शहीद हुए।
केंद्र में मोदी सरकार के साथ-साथ, अन्य राज्यों की बीजेपी सरकारें भी लगातार धार्मिक ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने के अवसर तलाश रही हैं।
जनवरी 2024 में, बीजेपी ने फिर से नीतीश कुमार का समर्थन कर बिहार में एनडीए सरकार बनाई। नीतीश सरकार ने विकास का वादा किया था, लेकिन बिहार की अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है। “डबल इंजन” का दावा खोखला साबित हुआ है, केंद्र से कोई विशेष पैकेज नहीं मिला।
बिहार में बेरोजगारी दर 15 फीसदी से अधिक है। हर साल लाखों युवा पलायन करते हैं। भर्ती घोटालों के कारण युवा सड़कों पर विरोध करने को मजबूर हैं और पुलिस की लाठियाँ खा रहे हैं।
बिहार के किसानों की स्थिति शायद देश में सबसे खराब है। हर साल कोसी और गंडक नदियों की बाढ़ से लाखों लोगों का नुकसान होता है। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार बाढ़ प्रबंधन में पूरी तरह विफल है।
प्रधानमंत्री ने कई बार बिहार की चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करने का वादा किया था। लेकिन दस साल बाद भी उनका वादा अधूरा है।
एनडीए गठबंधन में आंतरिक कलह अब खुलकर सामने आ गई है। बीजेपी ने नीतीश कुमार को मानसिक रूप से सेवानिवृत्त कर दिया है। अब भाजपा उन्हें बोझ मानती है।
बिहार की 80 फीसदी आबादी ओबीसी, ईबीसी और एससी/एसटी समुदायों से है। जनता जातीय जनगणना और आरक्षण नीतियों में पारदर्शिता चाहती है।
बिहार का शासन और प्रशासन लंबे समय से छुट्टी पर है। लूट और हत्या की घटनाएँ रोज होती हैं। अपराध दर लगातार बढ़ रही है। स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है।
सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई है और अस्पतालों में दवाइयों की भारी कमी है। एक आम बिहारी या तो बीमारी के समय निजी अस्पतालों द्वारा ठगा जाता है या बिहार से बाहर इलाज कराने को मजबूर होता है।
बिहार की जनता बीजेपी के धार्मिक ध्रुवीकरण को नहीं चाहती। वे विकास-केंद्रित राजनीति चाहते हैं। वे अपनी सरकार से बुनियादी और दीर्घकालिक समाधान चाहते हैं। वे विकास, रोजगार, सामाजिक न्याय और सुशासन का अधिकार मांगते हैं, और यही कांग्रेस पार्टी की मांग है।
बिहार ने अपने ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक योगदानों के माध्यम से भारतीय लोकतंत्र को मजबूत किया है। यहां के लोगों ने हमेशा सामाजिक न्याय और जन आंदोलनों को बढ़ावा दिया है। उन्होंने दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए संघर्ष किया है।
मैं चाहता हूं कि आज यहां से बिहार के पुनर्निर्माण का बिगुल बजे। कांग्रेस पार्टी अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ मिलकर बिहार की जनता को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, सामाजिक न्याय और सुशासन देगी। बिहार की जनता लंबे समय से ‘स्वर्णिम बिहार’ का सपना देख रही है और मिलकर हम इसे साकार करेंगे।
‘2025 विधानसभा चुनाव’ न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए मील का पत्थर होगा। यहाँ से मोदी सरकार के भ्रष्ट शासन की उलटी गिनती और अंत की शुरुआत होगी। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ। धन्यवाद!
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