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लाखों लोग पहले ही दे चुके हैं अपनी ‘आधार’ डिटेल, तो नए सिस्टम का अब क्या फायदा: चिदंबरम 

पूर्व वित्त मंत्री  पी चिदंबरम का कहना है कि आधार डाटा सुरक्षित करने की सरकार की नई पहल बेकार है, क्योंकि पहले ही लाखों आधार धारक अपनी यूनिक आईडी कई सेवा प्रदाताओं के साथ साझा कर चुके हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा, "अनिवार्यता की वजह से लाखों लोगों ने पहले ही अपने आधार नंबर कई सेवा प्रदाताओं के साथ साझा कर दिया है। नई सुरक्षा प्रणाली घोड़े के भाग जाने के बाद अस्तबल बंद करने जैसा है।"

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आधार डाटा को संग्रहित करने समेत नागरिकों के बायोमेट्रिक जानकारी इकट्ठा करने वाला भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई ने बुधवार को आधार कार्ड की गोपनीयता सुरक्षित करने के लिए दो स्तरीय प्रणाली लागू करने की घोषणा की। इसके तहत आधार धारकों को सत्यापन के लिए अपना आधार नंबर नहीं देना होगा।

हाल ही में एक न्यूज रिपोर्ट में आधार की जानकारी आसानी से उपलब्ध होने की रिपोर्ट छापी गई थी, जिसके बाद आधार की गोपनीयता को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने यह घोषणा की है।

नई प्रणाली के तहत, आधार कार्ड धारकों को सत्यापन के वक्त अपना आधार कार्ड नंबर साझा नहीं करने का विकल्प मौजूद रहेगा। इसके बदले 16 अंकों का वर्चुअल आईडी नंबर जारी किया जा सकता है, जिसका इस्तेमाल बिना आधार नंबर दिए ही सत्यापन के लिए किया जा सकेगा।

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