शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि मतदाता सूची में एकतरफा हेरफेर हो रहा है और यह प्रक्रिया भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निर्देशों पर संचालित की जा रही है।
शुक्रवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान प्रियंका चतुर्वेदी ने एसआईआर के तहत चुनाव आयोग की ओर से मांगे गए दस्तावेजों की जटिलता पर सवाल उठाया, जो उनके अनुसार आम लोगों, खासकर प्रवासी श्रमिकों के लिए आसानी से उपलब्ध नहीं हैं।
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उन्होंने बताया कि बिहार के लगभग 36 लाख प्रवासी श्रमिक अन्य राज्यों में काम करते हैं। इस प्रक्रिया के तहत लाखों लोगों को वोट देने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। अगर श्रमिकों के वोट काट दिए जाएंगे तो वे न तो बिहार में और न ही अपने कार्यस्थल के राज्यों में मतदान कर पाएंगे। यह मताधिकार का हनन है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए अन्यायपूर्ण है।
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चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को आधार कार्ड, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे अधिक सुलभ दस्तावेजों को स्वीकार करने की सलाह दी थी, लेकिन आयोग ने इस सलाह को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर लगातार आवाज उठा रही है, कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है और वे हर स्तर पर इसका विरोध करेंगे।
प्रियंका चतुर्वेदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर पलटवार किया जिसमें उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मृत कहा था। सांसद ने इसे भारत पर व्यापार समझौते के लिए दबाव बनाने की रणनीति करार दिया। चतुर्वेदी ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बताते हुए ट्रंप के 25 फीसदी टैरिफ के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण कहा। उन्होंने केंद्र सरकार से जवाबदेही मांगी और आर्थिक चुनौतियों जैसे जीएसटी, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और लघु उद्योगों की समस्याओं का जिक्र किया।
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उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर हम सवाल पूछते रहे हैं और आगे भी पूछेंगे। उन्होंने कहा कि जिन शब्दों का इस्तेमाल ट्रंप की ओर से किया गया है, इससे मन में कई तरह के सवाल कॉमर्स मिनिस्ट्री को लेकर उठ रहे हैं, क्योंकि कहा जा रहा था कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील होने वाली है। अचानक ट्रंप का बयान आना और टैरिफ लगाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। रूस के साथ भारत के संबंध होने के चलते टैरिफ लगाना ठीक नहीं है। कोई देश हमें इसके लिए बाध्य नहीं कर सकता है कि हमें किस देश के साथ संबंध रखना है।
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे का खेल मंत्रालय में तबादला किए जाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह कोई कार्रवाई नहीं है। यह ऐसा है जैसे आप किसी को बता रहे हैं कि वे इतने महत्वपूर्ण हैं कि वे किसानों के बारे में कुछ भी कह सकते हैं, विधानसभा में बैठकर रमी खेल सकते हैं और फिर भी हम उन्हें नहीं हटाएंगे। उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए था। अगर आप देश के लोगों, खासकर महाराष्ट्र के लोगों को संदेश देना चाहते हैं, तो इस तरह के व्यवहार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिर्फ विभाग को बदलना लोगों के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ हो रहा है। इनके कई मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, कोई एक्शन नहीं लिया जाता है।
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