वाम दलों ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ सोमवार को यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिट पार्टी (माले) लिबरेशन, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान शाह के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए या फिर हटाया जाना चाहिए।
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यह प्रदर्शन केंद्रीय स्तर पर वाम दलों द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रव्यापी आंदोलन का हिस्सा था।
सीपीएम नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, ‘‘आंबेडकर ने हमें अपना एक ऐसा संविधान दिया, जिसने हमें हमारे व्यक्तिगत मानवाधिकार दिए। बीजेपी उनका सम्मान नहीं करती है। बीजेपी के लोग संविधान का विरोध करने वाले हैं और वे चाहते हैं कि देश 'मनुस्मृति' के आधार पर चले।’’
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उन्होंने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, वो संविधान निर्माता का अपमान था। मोल्लाह ने कहा कि शाह को उनके पद से हटा देना चाहिए।
सीपीएम की दिल्ली इकाई ने एक बयान में कहा कि देश भर में आयोजित इन विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से वाम दलों ने न केवल डॉ. आंबेडकर के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा की, बल्कि इसे भारतीय लोकतंत्र और संविधान के बुनियादी मूल्यों पर हमला बताया है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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