लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इसी चरण में गुजरात के 25 सीटों पर मतदान होगा। बता दें कि गुजरात में लोकसभा की 26 सीटें हैं, सूरत सीट को बीजेपी ने निर्विरोध जीत लिया है। अब बाकी बचे 25 सीटों पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले गुजरात को पिछले 2 दो लोकसभा चुनावों में जनता का अपार समर्थन मिला है। पार्टी यहां 2014 और 2019 में सभी 26 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। बीजेपी के लिए गुजरात बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हर जगह से बीजेपी की सीटें कम होने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में बीजेपी अपने गढ़ को हर हाल में बचाना चाहेगी। दूसरी ओर, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के दम पर सफलता हासिल करने की उम्मीद कर रही है।
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गुजरात की जिन 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं वो हैं कच्छ, बनासकांठा, पाटन, मेहसाना, साबरकांठा, गांधीनगर, अहमदाबाद पूर्व, अहमदाबाद पश्चिम, सुरेंद्रनगर, राजकोट, पोरबंदर, जामनगर, जूनागढ़, अमरेली, भावनगर, आणंद, खेड़ा, पंचमहल, दाहोद, वडोदरा, छोटा उदयपुर, भरूच, बारडोली, नवसारी और वलसाड हैं।
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राजनीति के जानकारों का कहना है कि आप के साथ गठबंधन से पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत करने और आरक्षित सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करने में कांग्रेस को मदद मिलेगी। आम आदमी पार्टी अब गुजरात में 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि 24 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार मैदान में हैं।
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गुजरात की राजनीति को समझने के लिए इतिहास के आईने में देखने पर पता चलता है कि 1984 में कांग्रेस ने गुजरात में 24 सीटें जीतीं थीं। जबकि बीजेपी सिर्फ 1 सीट जीतने में ही कामयाब रही थी। 1984 के बाद से प्रत्येक चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा सीटें जीती। बात 1989 की करें तो बीजेपी ने 12, जनता दल ने 11 और कांग्रेस ने सिर्फ तीन सीटें जीतीं थीं, जबकि 1991 के चुनाव में बीजेपी ने 26 में से 20 सीटें जीतीं थीं। 2004 और 2009 में जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने लोकसभा चुनाव जीता था, तो कांग्रेस ने क्रमशः 12 और 11 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी ने 2004 में 14 और 2009 में15 सीटें जीती थीं। लेकिन 2014 और 2019 के चुनाव में बीजेपी ने गुजरात में बड़ी जीत दर्ज की थी। बीजेपी के लिए अपने प्रदर्शन को दोबारा दोहराने की चुनौती है।
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बता दें कि तीसरे चरण में मतदान 7 मई को सुबह 7 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजे समाप्त होगा, जिससे नागरिकों को अपने मताधिकार का उपयोग करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा। 18वीं लोकसभा के चुनाव के लिए सात चरण के मतदान के लिए मतदान 19 अप्रैल को शुरू हुआ और 1 जून को समाप्त होगा। वोटों की गिनती 4 जून को होगी।
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