महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी नेता नितेश राणे ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि शिवसेना (यूबीटी) और अन्य विपक्षी दलों के समर्थकों को उनके क्षेत्रों के लिए कोई विकास निधि नहीं मिलेगी।
बुधवार को सिंधुदुर्ग जिले के ओरोस में बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए मत्स्य पालन एवं बंदरगाह विकास मंत्री ने कहा कि अगर विपक्षी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के कार्यकर्ता अपने निर्वाचन क्षेत्रों का विकास चाहते हैं तो उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल होना चाहिए।
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इस टिप्पणी पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पूछा कि क्या मंत्री अपने पद की शपथ भूल गए हैं।
राणे ने कहा, ‘‘एमवीए के कई कार्यकर्ता पहले ही बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और मैं उन लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं जो बचे हैं। केवल (सत्तारूढ़) महायुति कार्यकर्ताओं को ही कोष मिलेगा। अगर किसी गांव में एमवीए से जुड़े दल का सरपंच या कोई अन्य पदाधिकारी है, तो उन्हें एक भी रुपया नहीं मिलेगा।’’
मंत्री ने कहा कि वह चीजों को ‘‘स्पष्ट और सीधे’’ तरीके से रखना पसंद करते हैं।
एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
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राणे ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से भी कहा कि वे वफादार रहें और विपक्षी दलों की मदद न करें। बीजेपी नेता ने कहा, ‘‘किसी भी परिस्थिति में विपक्षी उम्मीदवारों की मदद न करें।’’
राज्य में पार्टी के विस्तार अभियान का जिक्र करते हुए राणे ने कहा, ‘‘एक करोड़ से ज्यादा सदस्य पहले ही शामिल हो चुके हैं। आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी को पहले नंबर की पार्टी बनना चाहिए। हर गांव में संगठन को मजबूत करें और पार्टी को बढ़ाने के लिए काम करें।’’
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राणे ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य बीजेपी उम्मीदवारों की 100 प्रतिशत जीत है। भले ही महायुति के भीतर दोस्ताना मुकाबला हो, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि चुने गए प्रतिनिधि हमारे गठबंधन से होंगे। अगर संयोग से कोई विपक्षी उम्मीदवार जीतता है, तो हम उसे भी बीजेपी में ले आएंगे।’’
बृहस्पतिवार को ‘एक्स’ पर राणे के भाषण की वीडियो क्लिप साझा करते हुए एनसीपी (शरदचंद्र पवार) विधायक रोहित पवार ने मंत्री पर निशाना साधा।
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रोहित पवार ने कहा, ‘‘या तो उन्होंने (राणे) पद की शपथ ध्यान से नहीं पढ़ी या फिर वे इसे भूल गए हैं। अगर मंत्री इस तरह संविधान को नुकसान पहुंचाएंगे तो संविधान कैसे बचेगा? मैं उम्मीद करता हूं कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों को चेतावनी देंगे।’’
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शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने भी वीडियो क्लिप साझा की और पूछा कि क्या भारत को ‘विश्वगुरु’ बनाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी को यह सुनने के बाद क्या इस पर भाषण देना चाहिए कि देश में लोकतंत्र जिंदा है।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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