देश

राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित राम पुनियानी के घर पुलिस का धावा, घर और परिवार की निजी जानकारी मांगी

राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित और मोदी सरकार और आरएसएस की नीतियों के आलोचक प्रो राम पुनियानी से मुंबई पुलिस ने पूछताछ की है। राम पुनियानी के अनुसार खुद को सीआईडी से बता रहे तीन लोग उनके घर आए और उनके और परिवार के बारे में पूछताछ की।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक एक दिन पहले प्रख्यात शिक्षविद और राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित प्रो राम पुनियानी के मुंबई स्थित घर पर खुद को सीआईडी से बताकर तीन लोग आए और उनसे लंबी पूछताछ की। नवजीवन से राम पुनियानी ने बताया कि खुद को सीआईडी से बता रहे उन लोगों ने उनके काम और पारिवारिक निजी जानकारी के बारे में पूछताछ की। राम पुनियानी के अनुसार उनलोगों ने उनसे पूछा, “आपने आईआईटी में पढ़ाने की नौकरी क्यों छोड़ी? आपके बच्चे कहां हैं और वे क्या कर रहे हैं?”

आईआईटी, मुंबई में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर रहे प्रोफेसर राम पुनियानी ने भारत में सांप्रदायिक सद्भाव के क्षेत्र में पूर्णकालिक काम करने के लिए दिसंबर 2004 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। घटना के बारे में उन्होंने बताया, “उन्होंने कहा कि वे मेरे पासपोर्ट आवेदन के बारे में नियमित जांच के लिए हैं। यह बताने पर कि न तो मैंने और ना ही मेरी पत्नी ने पासपोर्ट के लिए आवेदन किया है, उन लोगों ने कहा कि वे सीआईडी से हैं।”

राम पुनियानी ने कहा कि इस दौरान परिचय पत्र की मांग करने पर उनमें से एक ने तेजी से जेब से एक कार्ड निकालकर दिखाया, लेकिन इससे पहले की वह सही से देख पाते, उसने उससे भी तेजी से उसे वापस जेब में रख लिया। उन्होंने कहा, “यह मेरी गलती है कि मैंने आईडी कार्ड की जांच करने पर जोर नहीं दिया।”

सांप्रदायिक सद्भाव और धर्मनिरपेक्षता पर कई पुस्तकों के लेखक राम पुनियानी नवजीवन, नेशनल हेराल्ड सहित कई अखबारों और पत्रिकाओं में नियमित रूप से छपने वाले अपने लेखों के जरिये लगातार मानवता की आवाजों को मजबूत करते हुए विभाजनकारी ताकतों से सवाल पूछते हुए चुनौती देते रहे हैं। उनके काम के लिए उन्हें कई अन्य पुरस्कारों के अलावा प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी पुरस्कार (2006) और राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार (2007) से सम्मानित किया जा चुका है।

राम पुनियानी पर इस पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रहे एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा, हमें लगता है कि पुलिसकर्मियों द्वारा हमेशा सांप्रदायिक ताकतों की आलोचना करने और शांति और सद्भाव के लिए लड़ने वाले प्रोफेसर राम पुनियानी और उनकी पत्नी के घर जाकर पूछताछ करना डराने-धमकाने और उनकी आवाज को दबाने की नीयत से की गई कार्रवाई है।" उन्होंने कहा कि उन्हेंन लगता है कि यह कार्रवाई उन्हें शांत करने और दबाने की नीत से कानूनी झंझट में फंसाने की पहल हो सकती है।

Published: 11 Mar 2019, 10:32 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 11 Mar 2019, 10:32 PM IST