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वीडियो: अलीगढ़ में रामायण-गीता पढ़ने पर मुस्लिम शख्स की पिटाई, तोड़ डाला हारमोनियम

दिलशेर नाम के इस शख्स ने बताया कि वह 1979 से रामायण का पाठ कर रहा है। इससे उसके मन को सुकून मिलता है। इसी बात का कुछ लोग विरोध करते हैं, धमकाते हैं। हर वक्त जान को खतरा बना रहता है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक मुस्लिम युवक को गीता और रामायण का पाठ करना भारी पड़ गया। मामला अलीगढ़ के देहली गेट थाना क्षेत्र के महफूज नगर का है, जहां गुरुवार को कुछ कट्टरपंथियों ने एक मुस्लिम युवक की इसलिए पिटाई कर दी, क्योंकि वह गीता और रामायण पढ़ता था। यही नहीं कट्टरपंथियों ने उसका हारमोनियम भी तोड़ दिया और धार्मिक ग्रंथ छीन ले गए। मुस्लिम युवक की शिकायत पर दबंगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक (देहात) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना देहली गेट पुलिस को आरोपियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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इस संबंध में देहलीगेट थाने के इंस्पेक्टर इंद्रेश पाल सिंह ने बताया, "पीड़ित की तहरीर के आधार पर पड़ोसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और उसके साथ मारपीट करने के लिए समीर व जाकिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एक आरोपी हिरासत में ले लिया गया है। उसने पड़ोसी से झगड़े की बात स्वीकार की है। लेकिन बाकी आरोपों को बेबुनियाद बता रहा है।"

विश्व हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने एसएसपी कार्यालय में आरोपियों के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर कट्टरपंथी हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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महफूज नगर, देहली गेट निवासी दिलशेर पुत्र फूल खां ने एसपी देहात को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि वह हर रोज अपने घर पर गीता और रामायण पढ़ता है। इस बात से नाराज पड़ोस में रहने वाले दो कट्टरपंथी युवक अपने साथियों के साथ घर में घुस आए और उन्होंने परिवार पर हमला बोल दिया। इतना ही नहीं धार्मिक ग्रंथों को भी फाड़ने की कोशिश की। जैसे-तैसे करके उन लोगों से अपनी और परिवार की जान बचाई। हमलावरों ने जाते-जाते आगे से गीता-रामायण न पढ़ने की चेतावनी दी और साथ ही जान से मारने की भी धमकी दी है।

दिलशेर के अनुसार, उसने रामायण पाठ को अपनी आदत में शुमार कर लिया है। रोजाना नहाने के बाद वह रामायण पढ़ना नहीं भूलते। कई चौपाइयां उन्हें याद हैं। वह गीता भी पढ़ते हैं। उन्होंने कहा, "1979 से रामायण का पाठ कर रहा हूं। इससे मेरे मन को सुकून मिलता है। इसी बात का कुछ लोग विरोध करते हैं। धमकाते हैं। हर वक्त जान को खतरा बना रहता है।"

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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