देश

पटना से निकलते ही ट्रंप बन गए नीतीश कुमार! गरीबी छुपाने के लिए पर्दे से ढक दी गई झुग्गी बस्तियां

नीतीश जहां निरीक्षण के लिए पहुंचे थे, वहां सड़क किनारे झुग्गी बस्तियां हैं। यह सरकारी तामझाम के प्रदर्शन में बाधा पहुंचाने वाली थीं। तो उनके आगे लगभग 500 मीटर तक कनात खींच दिए गए- बांस के छोटे-छोटे पोल बनाकर यहां से वहां तक सफेद कपड़े डाल दिए गए।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब फरवरी में अहमदाबाद का दौरा किया था, तब गुजरात की बीजेपी सरकार ने झुग्गी बस्तियों के आगे दीवारें खड़ी करवा दी थीं ताकि विदेशी अतिथि को देश की गरीबी न दिखे। लगता है, बिहार की राजनीतिक सत्ता में बीजेपी की सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) पार्टी को यह तरीका बहुत पसंद आया है- न बुरी स्थितियों से रू-ब-रू होओ, न उस बारे में बात करो। आखिर, अब विधानसभा चुनाव के कितने दिन बचे ही हैं!

Published: 25 Jun 2020, 3:00 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 जून को मधुबनी के जयनगर शहर गए थे। बरसात और इसके साथ ही बाढ़ सिर पर है। नेपाल के हाल के कदमों ने बाढ़ को लेकर चिंताएं वैसे ही बढ़ा रखी हैं। ऐसे में कुछ घोषणाएं जरूरी हैं। सो, नीतीश ने कमला नदी पर जयनगर में बराज बनाने की घोषणा की। उन्होंने कमला बियर प्वाइंट को बराज में परिवर्तित करने का प्रस्ताव देने का निर्देश अधिकारियों को दिया और कहा कि बराज में परिवर्तित होने से सिंचाई क्षमता में भारी वृद्धि होगी।

Published: 25 Jun 2020, 3:00 PM IST

नीतीश जहां निरीक्षण के लिए पहुंचे थे, वहां सड़क किनारे झुग्गी बस्तियां हैं। यह सरकारी तामझाम के प्रदर्शन में बाधा पहुंचाने वाली थीं। तो उनके आगे लगभग 500 मीटर तक कनात खींच दिए गए- बांस के छोटे-छोटे पोल बनाकर यहां से वहां तक सफेद कपड़े डाल दिए गए। कनात को बिहार के कुछ इलाकों में पर्दे भी कहते हैं। शादी-ब्याह या अन्य आयोजनों पर इसका उपयोग इसलिए किया जाता है ताकि रौनक बनी रहे, एक चैहद्दी-जैसा खिंच जाए और अनवांछित लोग उसमें प्रवेश नहीं करें। पुलिस वाले झुग्गी-झोपड़ी की तरफ तो तैनात थे ही, मुख्यमंत्री के काफिले के साथ भी इस बात पर निगाह रख रहे थे कि कोई इधर से उधर न झांके।

Published: 25 Jun 2020, 3:00 PM IST

अधिकारी कह रहे हैं कि यह पर्दे मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए लगाया गया था। लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब इसलिए किया गया ताकि गरीब जनता को नीतीश की आंखों से दूर ही रखा जाए। वैसे भी, जैसा कि साथ के चित्र से स्पष्ट है, निरीक्षण के दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग का खयाल कतई नहीं रखा गया। अधिकांश कार्यकर्ताओं ने मास्क तक नहीं लगा रखे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गले में गमछा डाल रखा था और जब-तब वे अपना नाक-मुंह उससे ढक ले रहे थे।

Published: 25 Jun 2020, 3:00 PM IST

जयनगर के एक दुकानदार सोनू ने कहा कि यह परदा रातोंरात लगा दिया गया। एक अन्य दुकानदार ने कहा कि इस सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे थे। इन्हें रातोंरात भर दिया गया ताकि मुख्यमंत्री और उनके काफिले को दिक्कत न हो। यह सब इसलिए किया गया ताकि लोग कोई सवाल न करें जबकि उनके पास पूछने को बहुत कुछ है। आखिर, कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने सबको वैसे ही छोड़ दिया है। आम लोगों की दिक्कतों के बारे में जानने-पूछने वाला कोई नहीं है।

Published: 25 Jun 2020, 3:00 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 25 Jun 2020, 3:00 PM IST