शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि वह कोई और समय-सीमा नहीं देंगे, राज्य सरकार को 24 दिसंबर तक मराठा आरक्षण लागू करना चाहिए।
जारांगे-पाटिल ने एक जनसभा में कहा, "समय-सीमा बढ़ाने का समय खत्म हो गया है। सरकार के पास दो दिन (24 दिसंबर तक) बचे हैं। मराठा आरक्षण की घोषणा की जानी चाहिए, ऐसा नहीं होने पर हम अपने अगले आंदोलन कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ेंगे।"
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अपने कई समर्थकों और कार्यकर्ताओं को नोटिस मिलने पर मराठा नेता ने लागों से आह्वान किया कि "अगर हमारे लड़कों को गिरफ्तार किया जाता है तो वे पुलिस स्टेशनों के अंदर जाकर बैठ जाएं।"
जारांगे-पाटिल ने आह्वान किया, "ऐसे नोटिसों से कुछ भी नहीं होने वाला। लेकिन, अगर हमारे किसी लड़के को पुलिस ने गिरफ्तार किया, तो आप सभी को जाकर पुलिस स्टेशनों के अंदर तब तक बैठना चाहिए, जब तक कि वे रिहा न हो जाएं।"
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उन्होंने महाराष्ट्र में उन मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के रुख को दोहराया, जिनके पुराने दस्तावेज़ उन्हें कुनबी के रूप में दिखाते हैं, और यह भी चाहते हैं कि कोटा उन पात्र लोगों के मातृपक्ष को दिया जाए। उनकी रैली में बड़ी संख्या में मुसलमानों ने भी भाग लिया। रैली में आए हजारों मराठों को नाश्ता वितरित किया गया।
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शनिवार को जारांगे-पाटिल बीड में एक मराठा रैली को संबोधित करेंगे, जिसे उनके सहयोगी 24 दिसंबर की समय-सीमा समाप्त होने से पहले 'अंतिम चेतावनी' बैठक बताते हैं। इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक रोहित पवार ने कहा कि मराठा कोटा देने का सरकार का शायद कोई इरादा नहीं है, सरकार इस मुद्दे पर फरवरी तक का समय लेने की कोशिश कर रही है।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक नितेश राणे ने कहा है कि लगभग सभी मांगें मान ली गई हैं और जारांगे-पाटिल से अगस्त से चल रहे अपने आंदोलन को वापस लेने का आह्वान किया गया है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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