कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार पर बेरोजगारी को लेकर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़ा बेचना भी एक रोजगार है। पी चिदंबरम ने इसी बात पर तंज कसते हुए ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि पकौड़ा बेचना भी नौकरी है, इस तर्क के अनुसार भीख मांगना भी एक नौकरी है। आइए, ऐसे गरीब और दिव्यांग लोगों की उन रोजगार-प्राप्त लोगों में गिनती करते हैं जो जीवन जीने के लिए भीख मांगने पर मजबूर है।”
Published: 28 Jan 2018, 6:51 PM IST
अपने ट्वीट में पी चिदंबरम ने यह कहा कि 2017-18 में मोदी सरकार ने 70 लाख नौकरियां बेकार कर दीं। उन्होंने पूछा, “पहले दावा किया गया था कि नया रोजगार शुरू करने के लिए मुद्रा लोन के तहत 43 हजार रुपये दिए जाएंगे, लेकिन मुझे एक आदमी दिखा दीजिए जिसने 43 हजार के निवेश रोजगार सृजित किया हो।”
Published: 28 Jan 2018, 6:51 PM IST
पी चिदंबरम ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने आगे कहा, “सरकार के एक मंत्री चाहते थे कि मनरेगा को नौकरी की श्रेणी में गिना जाए, इर प्रकार तो मनरेगा के तहत काम करने वाले 100 दिन के लिए नौकरी-पेशा हुए और बाकी 265 दिन के लिए बेरोजगार।”
Published: 28 Jan 2018, 6:51 PM IST
चिदंबरम ने कहा कि निजी निवेश, निजी खपत, निर्यात और क्रेडिट मांग में मजबूत वृद्धि करके ही वास्तविक रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं, जो अभी तक होता दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बात का कुछ पता नहीं कि रोजगार के अवसर कैसे सृजित होंगे।
Published: 28 Jan 2018, 6:51 PM IST
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Published: 28 Jan 2018, 6:51 PM IST