संसद सत्र के पहले दिन राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक बुलाई जिसमें 16 दलों के नेता शामिल हुए। बैठक में फैसला हुआ कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई की कार्रवाई के मुद्दे पर विपक्ष सरकार को घेरेगा। इस बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए सोमवार को मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में कानून का शासन नहीं है। संसद के बाहर विजय चौक पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खड़गे ने कहा, मोदी जी के तहत कानून और लोकतंत्र का कोई शासन नहीं है। वे देश को तानाशाही की तरह चला रहे हैं और फिर लोकतंत्र की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को कुचलने और नष्ट करने वाले इसे बचाने की बात कर रहे हैं।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी ने लोकतंत्र के तहत जो कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में जो कहा था, इसे इन्होंने राज्यसभा में उठाया है। ये नियम के खिलाफ है। राज्यसभा के सभापति जो हमेशा नियमों की बात करते हैं। उन्होंने इसकी अनुमति कैसे दी। एक व्यक्ति को दूसरे सदन में हैं वो इस मुद्दे पर सवाल कर रहे हैं।
उन्होंने बैठक के बाद कहा, हम एक-एक मुद्दा उठाएंगे, चाहे वह बेरोजगारी हो, महंगाई हो या ईडी और सीबीआई द्वारा विपक्षी नेताओं पर छापेमारी हो।
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अडीनी मुद्दे पर खड़गे ने कहा, हम अदानी शेयरों के मुद्दे पर एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग कर रहे हैं। जब हम इस मुद्दे को उठाते हैं, तो माइक बंद कर दिया जाता है और सदन में हंगामा शुरू हो जाता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि विपक्ष एक साथ है और अदानी मुद्दे पर जेपीसी की मांग करता रहेगा।
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मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि देश के मान-सम्मान की बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी कई बार विदेशी धरती पर देश को शर्मसार कर चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने ऐसे 4 मौके के बारे में बताया जब पीएम मोदी ने विदेशी धरती पर देश को अपमानित किया। उन्होंने चीन, कनाडा और दूसरे देशों में पीएम मोदी के भाषणों का उदाहरण देते हुए उनपर हमला बोला।
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बता दें कि बैठक में आप, जेडीयू, डीएमके समेत करीब 16 दलों के नेता शामिल हुए। विपक्ष की बैठक में सत्र के दौरान केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति तय की गई। इस बैठक में कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी, अधीर रंजन चौधरी समेत तमाम नेता शामिल हुए। साथ अन्य दलों से डीएमके, जेडीयू, आप, सीपीएम, आरएलडी, एनसीपी, एनसी, सीपीआई, आईयूएमएल, उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना, एमडीएमके, आरएसपी, आरजेडी और जेएमएम शामिल हुईं।
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