यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने महिलाओं के उत्पीड़न को लेकर सरकार को साथ लेकर चलने का भरोसा दिलाया है और साथ ही उन्होंने सरकार को आश्वस्त किया कि महिला उत्पीड़न के मुद्दे पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आवाज उठाएं। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के चौथे दिन को गुरुवार को महिला सदस्यों को समर्पित किया गया। मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं के इतने मुद्दे हैं कि एक दिन काफी नहीं है। दलगत राजनीति से ऊपर मैं कहना चाहता हूं कि अखबारों को पढ़कर हैरान होता हूं। कितने कठोर कानून पास हुए हैं। फिर भी अपराध के आंकड़े बढ़ रहे हैं। उनकी पढ़ाई, उनकी सुरक्षा और उन्हें आत्मविश्वास दिलाने के लिए हमें मिलकर काम करने होंगे। महिलाओं के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों को साथ में काम करना होगा।
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अखिलेश ने यूपी की नारी शक्ति की सराहना की। कहा कि आने वाले समय में उम्मीद है कि सभी दल ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को मौका दे। सरकार में अहम पदों पर मंत्री महिलाओं को बनाया जाना चाहिए। अखिलेश यादव ने राम मनोहर लोहिया की कुछ पंक्तियों को याद किया और कहा कि महिलाओं के लिए बहुत मुद्दे हैं। इसे दिन में नहीं बांधा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में भी घटनाएं हुईं थीं। आज भी हो रहीं हैं। सरकार और विपक्ष को इस पर सोचने की जरूरत है। समाज में सुधार आया है। सब मिलकर काम करेंगे तो बदलाव जरूर आएगा।
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अखिलेश ने कहा कि यूपी में सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाए और सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण दिया जाए। लड़कियों की पढ़ाई मुफ्त की जाए। जब हम चर्चा कर रहे हैं तो हमें इस दिशा में सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में सबसे ज्यादा लैपटॉप का वितरण किया गया था। महिलाओं के लिए सरकार हर सुविधा प्रदान करे।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने बताया कि जिस समय नेता जी (मुलायम सिंह यादव) की सरकार थी, उस समय पढ़ाई मुफ्त कर दी गई थी। आज जब सदन में महिलाओं की समस्याओं पर चर्चा हो रही है, तो उन्होंने सुझाव दिया कि लड़कियों की पढ़ाई को फिर से मुफ्त कर देना चाहिए। उनका यह भी सुझाव है कि पुलिस बल में महिलाओं के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए। साथ ही उन्हें 33 फीसद आरक्षण दिया जाए। इसके अलावा, आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम तहसील स्तर पर सभी स्कूल और संस्थाओं में नियमित अंतराल पर शुरू किए जाए। महिलाओं के खिलाफ हो रहे क्राइम जब पुलिस में रिपोर्ट हों, तो रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो, ताकि बहनें और बेटियां सेफ महसूस कर सकें।
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उन्होंने सुझाव भी दिया कि उनके शासनकाल में शुरू की गई विमेन पावरलाइन 1090 को दोबारा सही तरीके से शुरू किया जाए और नई तकनीकों से जोड़ा जाए। इसमें ईमेल और ऑनलाइन भी शिकायत करने की सुविधा हो। इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों में जेंडर सेंस्टिविटी बढ़े।
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुलायम सरकार के समय शुरू हुई कन्या विद्याधन योजना को भी शुरू किया जाए। इससे बेटियों के माता-पिता उन्हें पढ़ने के लिए आगे भेजेंगे। इतना ही नहीं, अखिलेश यादव ने कहा कि आज महिलाओं के लिए विशेष सदन रखा गया है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद देते हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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