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राफेल डील पर एक और बड़ा खुलासा, यूपीए से महंगी है डील, तीन बड़े अधिकारी नहीं थे सौदे के पक्ष में

रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने माना था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जो सौदा किया है, वह यूपीए सी बेहतर नहीं है। इन अधिकारियों ने इस डील का सख्त विरोध भी किया था।

फोटो- सोशल मीडिया 
फोटो- सोशल मीडिया  

अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने राफेल डील पर एक और बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे से मोदी सरकार के उस दावे की हवा निकलता दिख रही है, जिसमें ये कहा जा रहा था कि मोदी सरकार द्वारा किया गया सौदा यूपीए से बेहतर है। रक्षा मंत्रालय के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने माना था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जो सौदा किया है, वह यूपीए सी बेहतर नहीं है। इन अधिकारियों ने इस डील का सख्त विरोध भी किया था। ये तीनों अधिकारी फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट से बातचीत करने वाली टीम में शामिल थे।

अंग्रेजी अखबार के मुताबिक भारतीय निगोशिएशन टीम (आईएनटी) में सात लोग शामिल थे, जिनमें से तीन वरिष्ठ अधिकारियों का मानना था कि उड़तु हालत यानी फ्लाइवे कंडीशन में 36 राफेल विमान खरीदने का मोदी सरकार का फैसला यूपीए सरकार द्वारा दसॉल्ट एविएशन से 126 विमान खरीद के प्रस्ताव से बेहतर शर्तों पर नहीं था। इतना ही नहीं इन अधिकारियों ने यह भी माना था कि विमान का आपूर्ति समय भी यूपीए सरकार के दौरान मिले प्रस्ताव से ज्यादा है।

इससे यह साफ हो जाता है कि मोदी सरकार के वो दावे झूठे हैं जिसमें कहा गया था कि यह सौदा सस्ता है और इसकी अपूर्ति की प्रक्रिया पहले से तेज है। इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने ट्वीट में लीखा है कि मोदी सरकार के वह दोनों दावों की धज्जियां उड़ गई हैं, जिसमें कहा गया था कि यह सौदा पहले से सस्ता और प्रक्रिया में तेज है। इस मुद्दे पर राहुल गांधी बुधवार शाम 3.30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं।

Published: 13 Feb 2019, 12:28 PM IST

ये तीन एक्सपर्ट अधिकारी जिन्होंने सौदे को यूपीएस सरकार से बेहतर नहीं माना था वो थे- 1. एडवाइजर (लागत) एम.पी. सिंह जो इंडियन कॉस्ट एकाउंट्स सर्विस में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी थे, 2. फाइनेंशियल मैनेजर (एयर) ए. आर. शुले और 3. एक्विजिशन मैनेजर (एयर) और संयुक्त सचिव राजीव वर्मा।

इन तीनों ही अधिकारियों ने बातचीत पूरी होने के बाद 1 जून 2016 को डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ को एक कड़े विरोध वाला नोट भेजा था। डिप्टी चीफ ऑफ एयर स्टाफ इस बातचीत के दल का नेतृत्व कर रहे थे।

Published: 13 Feb 2019, 12:28 PM IST

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Published: 13 Feb 2019, 12:28 PM IST