
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद में लोक महत्व के मुद्दों को उठाना ‘नाटक’ नहीं है, बल्कि इन पर चर्चा की अनुमति नहीं दिया जाना ‘नाटक’ है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और वायु प्रदूषण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए।
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प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद “हताशा निकालने का मंच” बना रहा है।
संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने।
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केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य प्रियंका गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘संसद में आवश्यक लोक महत्व के मुद्दों के बारे में बोलना और उन्हें उठाना नाटक नहीं है। नाटक यह है कि उन मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा की अनुमति नहीं दी जाती, जो जनता के लिए मायने रखते हैं।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘संसद किस लिए है? हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं कर रहे हैं?’’
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वहीं, जयराम रमेश ने सोमवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद सत्र की शुरुआत से पहले बयान देना सिर्फ पाखंड है क्योंकि वह खुद सदन में मौजूद नहीं होते और विपक्ष से संवाद नहीं करते।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि संसद में किसी गतिरोध के लिए खुद प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं।
जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर पलटवार करते हुए 'एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कभी संसद में उपस्थित नहीं होते और इसे महत्व नहीं देते हैं। वह कभी विपक्ष से संवाद नहीं करते। फिर भी प्रत्येक सत्र से पहले वह संसद भवन के बाहर खड़े होकर लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से रचनात्मक सहयोग के लिए राष्ट्र के सामने भाषण देते हैं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘यदि संसद सुचारु रूप से नहीं चलती है तो दोष पूरी तरह से प्रधानमंत्री का है क्योंकि उन्होंने विपक्ष को अत्यावश्यक लोक महत्व के मुद्दों को उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वह विपक्ष को कम से कम अपनी बात कहने का मौका दिए बिना हमेशा अपने रास्ते पर चलना चाहते हैं।’’
रमेश ने आरोप लगाया कि संसद शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री का बयान पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबसे बड़े ‘ड्रामेबाज’ ही ‘ड्रामे’ की बातें कर रहे हैं।
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पीटीआई के इनपुट के साथ
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