भारतीय अधिकारियों ने सोमवार को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैनिक को रिहा कर दिया। इस सैनिक को पूर्वी लद्दाख में विवादित सीमा पार कर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने पर पकड़ लिया गया था। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पीएलए सैनिक जो 8 जनवरी को पकड़ा गया था, उसे आज सुबह 10.10 बजे चुशुल-मोल्डो में चीन को लौटा दिया गया।"
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लद्दाख में विवादित सीमा क्षेत्र पर भारतीय बलों की तैनाती पर जासूसी करने के संबंध में सैनिक से पूछताछ की गई। उसने पैंगोंग झील के दक्षिण में दोनों देशों के बीच विवादित सीमा क्षेत्र में विास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार किया था।
भारतीय सेना ने कहा था कि पीएलए सैनिक को उस क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों द्वारा हिरासत में ले लिया गया था। गौरतलब है कि एलएसी पर पिछले साल से भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है।
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यह 28 अगस्त, 2020 और 29 अगस्त, 2020 को एहतियाती तैनाती में भारतीय सैनिकों, पूर्व-विस्तारित चीनी विस्तारवादी डिजाइनों को रोक कर पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे पर ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था।
दो सप्ताह पहले, रक्षा मंत्रालय ने अपने वर्ष के अंत की समीक्षा में कहा था कि पीएलए ने 'अपरंपरागत हथियारों और बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करने' के उपयोग से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध को और बढ़ाया।
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भारत ने चीन को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव लाने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है और यह कि भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए ²ढ़ है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर नौ महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों के संवाद के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है और गतिरोध बरकरार है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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