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LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर बुरी तरह घिरी मोदी सरकार, RSS के मजदूर संगठन ने फैसले को बताया घातक

भारतीय मजदूर संघ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि बेहतर हो कि सरकार बगैर राष्ट्र की संपत्तियों को बेचे राजस्व जुटाने का कोई मॉडल बनाए। संगठन ने कहा कि एलआईसी देश के मध्यम वर्ग की बचत को सुरक्षित रखने वाला उपक्रम है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

केंद्र की मोदी सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान कर बुरी तरह घिर गई है। आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने मोदी सरकार के इस फैसले का जोरदार विरोध किया है। संगठन ने जीवन बीमा निगम और बैंक में विनिवेश के उठाए गए कदम को घातक बताया है। भारतीय मजदूर संघ ने शनिवार को आए बजट के बाद एक बयान जारी कर मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना की। संगठन ने कहा है कि राष्ट्र की सम्पत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने का तरीका खराब अर्थशास्त्र का उदाहरण है। संघ से जुड़े इस संगठन ने सरकार के आर्थिक सलाहकारों और नौकरशाहों पर निशाना साधा। संगठन ने कहा कि इनके ज्ञान और विजन में कमी है।

Published: 02 Feb 2020, 11:06 AM IST

भारतीय मजदूर संघ ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा है कि बेहतर हो कि सरकार बगैर राष्ट्र की संपत्तियों को बेचे राजस्व जुटाने का कोई मॉडल बनाए। संगठन ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम देश के मध्यम वर्ग की बचत को सुरक्षित रखने वाला उपक्रम है, जबकि आईडीबीआई ऐसा बैंक है जो छोटे उद्योगों को वित्तपोषित करता है। ऐसे में दोनों उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राजस्थान के जोधपुर में चल रहे संगठन के दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव भी पास किया गया। इसकी अध्यक्षता संघ अध्यक्ष साजी नारायण ने की।

Published: 02 Feb 2020, 11:06 AM IST

गौरतलब है कि शनिवार को लोकसभा में देश का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलआईसी में भारत सरकार की हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया था। इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा कि सरकार आईडीबीआई बैंक में अपनी शेयर पूंजी का हिस्सा बेचने का प्रस्ताव करती है।

Published: 02 Feb 2020, 11:06 AM IST

गौरतलब है कि पिछले कुछ समय में बैंकों के दिवालिया होने से लोगों का पैसा डूबने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में सरकार मुश्किल में है। शायद यही वजह है कि खस्ता हाल अर्थव्यवस्था के बीच बजट में सरकार द्वारा एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया गया है। सरकार के मुताबिक, बैंक में 5 लाख रुपये तक जमा राशि अब सुरक्षित रहेगी। यानी बैंक के डूबने पर जनता के 5 लाख रुपये तक सुरक्षित रहेंगे। फिलहाल यह सीमा 1 लाख रुपये की थी, जिसे बढ़ा कर 5 लाख किया गया है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

Published: 02 Feb 2020, 11:06 AM IST

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Published: 02 Feb 2020, 11:06 AM IST