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पालघर मॉब लिंचिंग केस: अर्णब गोस्वामी को ‘सुप्रीम’ झटका, FIR रद्द और CBI को केस ट्रांसफर करने से कोर्ट का इनकार  

भड़काऊ बयान और अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल के मामले में अर्णब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अर्णब द्वारा केस को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग और FIR रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है।  

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

महाराष्ट्र के पालघर में हुई हिंसा को लेकर किए गए कार्यक्रम में भड़काऊ बातें करने और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे अर्णब गोस्वामी को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब द्वारा केस को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग को खारिज कर दिया है, इतना ही नहीं उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को भी खारिज करने से साफ इनकार किया है।

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FIR रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

हालांकि कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी को प्राप्त अंतरिम संरक्षण को तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी के खिलाफ दर्ज शुरूआती प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार करते हुए उन्हें इसके लिए सक्षम अदालत जाने को कहा है। बता दें, अर्णब को अगले तीन सप्ताह दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण दिया गया है। आपको बता दें, पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले पर एक शो के दौरान अपमानजनक बयान को लेकर अर्णब के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।

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महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- पुलिस को धमका रहे अर्णब

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने अर्णब गोस्वामी से इस मामले में लगातार 12 घंटे तक पूछताछ की गई थी। देशभर के अलग-अलग शहरों में लगातार हो रही एफआईआर को देखते हुए अर्णब ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 11 मई को शीर्ष अदालत ने उनकी याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। उधर, महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत में आरोप लगाया कि गोस्वामी शीर्ष अदालत द्वारा प्राप्त संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं और पुलिस को धमका रहे हैं।

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देश के कई थानों में अर्णब के खिलाफ दर्ज है 105 से ज्यादा FIR


आपको बता दें, पालघर हिंसा को लेकर किए गए कार्यक्रम में भड़काऊ बातें करने और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने पर रिपब्लिक टीवी और इसके संपादक अर्णब गोस्वामी अभियुक्त बनाए गए हैं। देश के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ 105 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं। अर्णब पर सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने, लोगों को हिंसा के लिए उकसाने और एक महिला के खिलाफ अपशब्द और अपमानजनक बातें करने का आरोप है। अर्णब गोस्वामी पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है जिनमें समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलान, सांप्रदायिक नफरत भड़काने, हिंसा के लिए उकसाने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपशब्दों के इस्तेमाल कर मानहानि करने की धाराएं हैं। अर्णब पर यह धाराएं 21 अप्रैल को महाराष्ट्र की पालधर मॉब लिंचिंग पर आयोजित और प्रसारित एक कार्यक्रम को लेकर की गई हैं।

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