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दशहरा रैली में गरजे उद्धव- चुनाव में टीके का इस्तेमाल करना बेशर्मी, भारत में कहीं PoK है तो ये PM मोदी की नाकामी

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में रविवार को कहा कि भारत में अगर कहीं PoK है तो ये PM मोदी की नाकामी है। इसके साथ ही उद्धव ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई में रविवार को कहा कि भारत में अगर कहीं PoK है तो ये PM मोदी की नाकामी है। इसके साथ ही उद्धव ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा। उद्धव ने उन्हें 'काली टोपी' पहनने वाले व्यक्ति के रूप में पुकारा।

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज उनसे दशहरा रैली में किए गए मोहन भगवत के भाषण को सुनने के लिए कहते हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि हिंदुत्व का मतलब मंदिरों में की जाने वाली पूजा नहीं है, और आप हमसे कह रहे हैं कि अगर आपने मंदिर नहीं खोले तो आप धर्मनिरपेक्ष बन रहे हैं। अगर आप 'काली टोपी' के नीचे कुछ दिमाग रखते हैं, तो मुख्य भाषण को सुनें। हम हमेशा से चाहते थे कि मोहन भागवत हमारे देश के राष्ट्रपति बनें, लेकिन वो ऐसा नहीं चाहते।

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ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी के बिहार में मुफ्त कोरोना वैक्सीन वितरित करने के वादे की भी कड़ी आलोचना की। ठाकरे ने कहा, एक तरफ आप हमें हमारे हिस्से का बकाया जीएसटी नहीं दे पा रहे हैं और दूसरी तरफ, आप लोगों को मुफ्त वैक्सीन देने का वादा कर रहे हैं। पैसा कहां से आएगा? और शेष भारत का क्या होगा? यह भेदभाव क्यों है? क्या देश का बाकी हिस्सा पाकिस्तान है?

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उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर जीएसटी विफल हो गई है, तो केंद्र को ईमानदारी से इसे स्वीकार कर लेना चाहिए और देश में पुरानी कर व्यवस्था को वापस लागू करना चाहिए। शिवाजी पार्क के पास एक ऑडिटोरियम में सिर्फ 50 लोगों की मौजूदगी के बीच शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को जीएसटी के बकाए का भुगतान नहीं किया गया है, जो कि 38,000 करोड़ रूपए है। इसके चलते राज्य को इस कोरोना काल में भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।

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ठाकरे ने कहा, इस सब से यह प्रतीत होता है कि जीएसटी प्रणाली फेल हो गई है। यदि यह काम नहीं कर रही है, तो प्रधानमंत्री को इमानदारी से इसे स्वीकार करना चाहिए और पुरानी कर व्यवस्था में वापस आ जाना चाहिए।

दूसरे राज्यों के सामने आने वाली समान समस्याओं का जिक्र करते हुए, ठाकरे ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मुद्दे का हल निकालने के लिए प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए।

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