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अलवर लिंचिंगः अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट का राजस्थान सरकार को नोटिस, एक हफ्ते में हलफनामा देने का आदेश

मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजस्थान सरकार से पूछा कि क्या उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है, जिन्होंने गौ-तस्करी के नाम पर पीट-पीटकर अधमरा कर दिए गए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे का समय लगा दिया था।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया अलवर लिंचिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से जवाब मांगा

राजस्थान के अलवर में इसी साल जुलाई में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर एक व्यक्ति की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार से जवाब मांगा है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने अदालत की अवमानना के लिए राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली एक याचिका पर राजस्थान के गृह विभाग के प्रधान सचिव से भविष्य में पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है।

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शीर्ष अदालत ने अदालत ने अदालत ने एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने की बात कहते हुए मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को तय की है। इस मामले में याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की, जिस पर प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजस्थान सरकार से पूछा कि क्या अब तक उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई, जिन्होंने गौ तस्करी के आरोप में पीट-पीटकर अधमरा कर दिए गए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे का समय लगा दिया था। राजस्थान सरकार की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि कार्रवाई की गई है।

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गौरतलब है कि शीर्ष अदालत देश में लगातार पीट-पीटकर भीड़ द्वारा की जा रही हत्या की घटनाओं पर केंद्र और राज्य सरकारों की कड़ी आलोचना कर चुकी है। अदालत ने इस अपराध से निपटने के लिए संसद से इस पर कानून बनाने के लिए विचार करने का आग्रह किया है। बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में 24 जुलाई को गौरक्षा के नाम पर हिंसक भीड़ ने 28 वर्षीय रकबर खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

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