अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में कर्नाटक के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को राज्य सरकार से विधान परिषद में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य (एमएलसी) सीटी रवि के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया, जिन्होंने हाल में सदन में मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
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उन्होंने बीजेपी को ‘‘महिला विरोधी’’ करार दिया और पिछले सप्ताह संसद में बी. आर. आंबेडकर के खिलाफ कथित टिप्पणी के लिए पार्टी एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा, जिसके कारण राजनीतिक हंगामा मच गया था।
सुरजेवाला ने यहां पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘बीजेपी ने इस देश की महिलाओं का बार-बार अपमान किया है। बीजेपी का चरित्र ही महिला विरोधी, युवा विरोधी, किसान विरोधी और दलित, आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग विरोधी है। जिस तरह से बीजेपी नेता एक बार फिर महिला नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह निंदनीय है। मैं कर्नाटक सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं।’’
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रवि ने 19 दिसंबर को विधान परिषद में हेब्बलकर के खिलाफ कथित तौर पर तब अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था, जब सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई थी। हेब्बलकर की शिकायत के आधार पर उन्हें उसी दिन शाम को बेलगावी में ‘सुवर्ण विधान सौध’ परिसर से गिरफ्तार किया गया और पुलिस वैन में ले जाया गया, जहां विधानमंडल सत्र आयोजित किया गया था।
उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर को अपने अंतरिम आदेश में रवि की तत्काल रिहाई का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने में प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। हालांकि, न्यायमूर्ति एम. जी. उमा की पीठ ने रवि को जांच में सहयोग करने और पूछताछ के लिए उपलब्ध रहने को कहा।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द के इस्तेमाल से संबंधित एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा कि चाहे वह महात्मा गांधी हों या राहुल गांधी, उन्हें देश को बांटने की कोशिश कर रही ताकतों के विरोध का सामना करना ही होगा। संभवत: इसी कारण रवि और मंत्री हेब्बलकर के बीच कथित तौर पर विवाद हुआ था।
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उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और वे केवल ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं। वे बाबासाहेब आंबेडकर का मजाक उड़ाएंगे, वे संविधान को खत्म करने की कोशिश करेंगे। जब अमित शाह खुद बाबासाहेब आंबेडकर जैसे संविधान निर्माताओं का अपमान कर रहे हैं और उनका मखौल उड़ा रहे हैं, तो क्या वे खगे (एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे) और राहुल गांधी को छोड़ देंगे? महात्मा गांधी जब जीवित थे तब इसी तरह की विचारधारा ने उनका विरोध किया था।’’
पीटीआई के इनपुट के साथ
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