वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विचार के लिए बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में शुक्रवार को हुए हंगामे के बाद 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में शामिल कांग्रेस के इमरान मसूद ने आरोप लगाया है कि सरकार किसी की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है।
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कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "सरकार को इतनी जल्दी क्या है? वह हमारे साथ इस तरीके से बर्ताव क्यों कर रही है। क्या हम कोई गुलाम हैं? पहले उन्होंने 22 जनवरी को बुलाया था, फिर उन्होंने 24 जनवरी की तारीख तय कर दी। बाद में उन्होंने तारीख को 27 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया। इसी बात को लेकर हमारी तरफ से आपत्ति जताई गई और उन्होंने 10 सांसदों को निलंबित कर दिया।"
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उन्होंने कहा, "पिछली जेपीसी कितने दिन चली थी। वह किसी की सुनना नहीं चाहते हैं, बस अपनी मनमानी करना चाहते हैं। इनको सिर्फ दूसरों के मत पर बुलडोजर चलाना आता है।"
उल्लेखनीय है कि जेपीसी की बैठक के दौरान हंगामे के बाद शुक्रवार को 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। निलंबित सांसदों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए. राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, मोहिबुल्लाह नदवी, एम. अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीमुल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।
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इमरान मसूद ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ बोलना नहीं आता, जब सब हथियार फेल हो जाते हैं तो हिंदू-मुसलमान पर आ जाते हैं। देश में कितनी समस्या हैं। रोजगार, महंगाई पर बात करो तो वह इधर-उधर की बात करने लगते हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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