राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर शुक्रवार को चर्चा की जा रही है। इस दौरान कांग्रेस सांसद अजय माकन ने कहा कि पूरे देश में दिल्ली में महिलाओं, बच्चों और वृद्धों के साथ सबसे अधिक आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा उन्होंने पंजाब का जिक्र करते हुए बताया कि वहां ड्रग्स और विदेशी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके तार सीमा पार से जुड़े हैं।
Published: undefined
अजय माकन ने गृह मंत्रालय के कार्यकाल पर चर्चा के दौरान कहा कि दिल्ली पुलिस सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंदर आती है। पूरे देश में प्रत्येक एक लाख पर 66 महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं, लेकिन दिल्ली के अंदर प्रत्येक लाख महिलाओं में 144 महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं। पूरे देश में सबसे अधिक महिलाओं के प्रति अपराध दिल्ली में होते हैं। ऐसे ही पूरे हिंदुस्तान में प्रत्येक 1 लाख बच्चों पर 36 बच्चों के साथ अपराध होते हैं। दिल्ली में प्रति लाख में 134 बच्चों के साथ अपराध होते हैं। इसी तरह वृद्धों के खिलाफ होने वाले अपराधों में भी दिल्ली पूरे देश में नंबर वन है।
Published: undefined
उन्होंने कहा कि पहले ड्रग्स और नारकोटिक्स आते हैं, फिर गैंगवार और टेररिज्म आता है। केरल और पंजाब के अंदर नशे के मामले बहुत अधिक हो गए हैं। पाकिस्तान से पंजाब में ड्रोन के जरिए ड्रग्स के पैकेट आ रहे हैं। पंजाब के पुलिस स्टेशनों में ग्रेनेड से हमले हो रहे हैं। वर्ष 2022 से लेकर अब तक 15 प्रमुख घटनाएं हुई हैं, जिनमें आरपीजी रॉकेट ग्रेनेड जैसे हथियारों का भी इस्तेमाल हुआ है। बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स जैसे समूहों से जुड़े लोग हत्या में शामिल हैं।
Published: undefined
उन्होंने कहा कि पंजाब में विदेशी ग्रेनेड समेत विदेशी हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। जिन विदेशी ग्रेनेड का इस्तेमाल संसद और मुंबई हमले में हुआ था, वैसे ही ग्रेनेड का इस्तेमाल पंजाब में हो रहा है। इसका मतलब यह हुआ कि एक गहरी साजिश है। यह साजिश सीमा पार से हो रही है। यदि यह सब सीमा पार से हो रहा है तो इसे रोकने का काम बीएसएफ का है, गृह मंत्रालय का है। मुंबई में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के करीब 31,000 मामले लंबित हैं, कोलकाता में 15,000, बेंगलुरु में 18,000, हैदराबाद में 10,000 और दिल्ली में 77,000 मामले अदालतों में लंबित हैं।
Published: undefined
माकन के मुताबिक 2016 तक दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ होने वाले 29,000 मामले अदालतों में लंबित थे। लेकिन, अब यह बढ़कर 77,000 हो गए हैं। बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को देखें तो मुंबई में 10,000 मामले अदालतों में लंबित हैं, बेंगलुरु में 3,000, हैदराबाद में 1,600, कोलकाता में 3,000 और दिल्ली में 19,000 ऐसे मामले अदालतों में लंबित हैं। इन लंबित मामलों के लिए केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
Published: undefined
उन्होंने आरोप लगाया कि इन दिनों सरकारी रिकॉर्ड में आंदोलन को अपराध की श्रेणी में रखा जा रहा है। आंदोलन करने वाले हमारे किसान क्या अपराधियों की श्रेणी में रखे जाएंगे? विरोध-प्रदर्शन करने का लोकतंत्र के अंदर जो अधिकार दिया गया था, एक तरह से उसे समाप्त कर दिया गया है। हमारे देश की युवा आबादी नशे का शिकार हो रही है। वर्ष 2010 और 2014 के बीच में ड्रग्स की घटनाएं 33,000 थी। 2022 की एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि यह घटनाएं बढ़कर 1 लाख 15 हो गई हैं। केवल 10 वर्षों के अंदर नशे (ड्रग्स) की घटनाओं में 247 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहां पूरे देश में ड्रग्स के मामले 247 परसेंट बढ़े हैं, वहीं दिल्ली के अंदर ड्रग्स की घटनाएं 546 प्रतिशत बढ़ी हैं। सिंथेटिक ड्रग्स का नशा बहुत ही खतरनाक है, जिसकी आदत लगने के बाद इसका छूटना बेहद मुश्किल हो जाता है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined