
संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक में बुधवार को आसमान छूते हवाई किराये और सरकारी एजेंसियों तथा नियामकों की ओर से पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने को लेकर चिंता जताई गयी तथा कई सांसदों ने यात्रियों को राहत प्रदान करने के लिए निजी हवाईअड्डा संचालकों और विमानन कंपनियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीएसी अध्यक्ष के सी वेणुगोपाल ने समिति की इस बैठक को ‘बेहतरीन बैठकों में से एक’ बताया।
उन्होंने कहा कि समिति के सदस्यों ने चिंता जताई कि हवाईअड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) नियामक के रूप में ठीक से काम नहीं कर रहा है।
बैठक के बाद उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें स्पष्ट जवाब चाहिए।’’
उनका कहना था कि नियामक संस्था सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों का पर्याप्त जवाब नहीं दे सकी।
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वरिष्ठ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘सदस्यों ने चिंता जताई थी कि हवाई किराया आसमान छू रहा है और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) या नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।’’
सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसदों ने उपयोगकर्ता विकास शुल्क में ‘‘मनमाने ढंग से" वृद्धि जैसे मुद्दों पर नाखुशी के बीच किराया को विनियमित करने के लिए एईआरए अधिनियम में संशोधन का आह्वान किया ताकि इस कानून को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
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उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रणाली जवाबदेही तय करने में विफल रही है। सांसदों का कहना था कि अधिनियम को प्रभावी बनाने से निजी परिचालकों के कामकाज में पारदर्शिता आयेगी।
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नागरिक उड्डयन सचिव और एईआरए प्रमुख उन लोगों में शामिल थे जो बैठक में समिति के सामने उपस्थित हुए।
सूत्रों ने कहा कि पीएसी सदस्य, सामान्य तौर पर अधिकारियों के जवाब से असंतुष्ट थे और समिति ने उनसे विस्तृत जवाब देने को कहा है।
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