नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा हटाए जाने पर नाराजगी जताई है। उमर ने सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि सरकार एक तरफ संसदीय और विधानसभा चुनावों के लिए तैयार होने की बात कहती है और दूसरी तरफ नताओं की सुरक्षा हटाई जा रही है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मेरा सरोकार मुख्यधारा के उन नेताओं से है जिनकी सुरक्षा वापस ली गई है। एक तरफ आप यह कह रहे हैं कि हमें संसदीय और विधानसभा चुनावों के लिए तैयार होना है, जबकि दूसरी तरफ हमें ये कहा जा रहा है कि प्रदेश में हमारे लिए सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है।'
उमर अब्दुल्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'एक सोची समझी साजिश के तहत एक पूरे कौम को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है। हमारे जो बच्चे बच्चियां बाहर के यूनिवर्सिटी में तालीम हासिल करने गए, उन्हें निशाना बनाया गया।' नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने कहा कि कश्मीर को बदनाम करने के लिए एक सोची समझी साजिश रची जा रही है।
अब्दुल्ला ने कहा, 'अलग अलग राज्यों में कश्मीरियों पर हमले हो रहे हैं। देश के लगभग हर कोने से ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं। होटल में साइनबोर्ड लगाए गए हैं कि किसी कश्मीरी को जगह नहीं दी जाएगी।' अब्दुल्ला ने मेघालय गवर्नर का उदाहण देते हुए इन हमलों के लिए सीधा बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'हमें लगा प्रधानमंत्री इन हमलों की आलोचना करेंगे लेकिन अगर वे व्यस्त हैं तो कम से कम गृह मंत्री को यह मुद्दा उठाना चाहिए था।'
हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस लिए जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि 'सुरक्षा देने का फैसला सरकार का था लेकिन मुझे लगता है कि हर नागरिक को सुरक्षा देना सरकार की जिम्मेवारी है। कुछ मुख्यधारा के नेताओं जैसे कि शाह फैसल की सुरक्षा वापस लिए जाने पर हम फ्रिकमंद हैं। यह काफी आक्रामक कदम है। मुख्यधारा के नेताओं की सुरक्षा अगर वापस नहीं की जाती है तो हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।'
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने एक फैसले के तहत घाटी के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है। इसका ऐलान श्रीनगर दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद की।
सरकार के नए आदेश के मुताबिक, नई सूची में नेशनल कांफ्रेंस, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के नाम शामिल हैं। जिन लोगों की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख यासिन मलिक, पूर्व आईएस अधिकारी शाह फैजल और पीडीपी नेता वहीद पारा भी शामिल हैं। इन लोगों को दिए गए 1,000 से अधिक निजी सुरक्षा गार्ड और 100 गाड़ियां हटा लिए गए हैं। चार आला अलगाववादी नेताओं - मीरवाईज उमर फारूक, शबीर शाह, प्रोफेसर अब्दुल गानी भट और बिलाल लोन की सुरक्षा सोमवार को हटा ली गई थी।
बीते गुरुवार को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद गृह मंत्रालय ने बुधवार शाम को एक बयान जारी किया जिसमें बताया गया कि 18 फरवरी को हटाई गई अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा के अलावा अलगाववादियों और मुख्यधारा के कुछ नेताओं की सुरक्षा हटाई जा रही है या कम की जा रही है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined