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यूपीः भीम आर्मी जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या से एक बार फिर सहारनपुर में तनाव, इंटरनेट सेवा पर रोक

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई की हत्या से जिले में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। परिजनों ने महाराणा प्रताप की जयंती मना रहे राजपूतों पर हत्या का आरोप लगाया है।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष के भाई की हत्या के बाद सहारनपुर में तनाव

सहारनपुर में भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया (28) की गोली लगने से मौत के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। सचिन वालिया के परिजनों ने घटनास्थल के पास महाराणा प्रताप की जयंती मना रहे राजपूतों पर हत्या का आरोप लगाया है। हालांकि, पुलिस इसका खंडन कर रही है। दलित समाज के लोगों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान भीम आर्मी के समर्थकों ने मृतक के शव को परिजनों ने घटनास्थल के करीब ही महाराणा जयंती मना रहे राजपूतों पर यह आरोप लगाया हैं पुलिस से छीन लिया। बाद में काफी समझाने-बुझाने के बाद उन्होंने शव को पुलिस को सौंप दिया। तनाव को देखते हुए जिले भर में भारी पुलिस बल तैनात करते हुए जिले की इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।

बुधवार को देहात कोतवाली थाना क्षेत्र के मल्हीपुर रोड स्थित महाराणा प्रताप भवन में राजपूत समाज की ओर से महाराणा प्रताप जयंती मनाई जा रही थी। आज यहीं से 100 कदम की दूरी पर सचिन को गोली मारने की घटना हुई। गोली चलने की आवाज सुनकर मौके पर मौजूद लोग भाग खड़े हुए। गोली लगने से सचिन मौके पर ही घायल होकर गिर गया। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। जिसके बाद उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाॅक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गोली कैसे लगी या किसने मारी, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है। सचिन के भाई कमल वालिया के मुताबिक सचिन नाश्ता लेने के लिए बाहर निकला था, तभी किसी ने गोली मार दी।

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हालांकि, सचिन वालिया के परिजनों का कहना है कि उसकी गोली मारकर हत्या की गई है। जिला अस्पताल के बाहर सचिन के भाई और परिजनों ने जमकर हंगामा किया। घटना से नाराज भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी हाॅस्पिटल पहुंचकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने पुलिस अफसरों पर हत्या का आरोप लगाया। उनका आरोप था कि सचिन को प्रशासन ने मरवाया है। परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने का विरोध करते हुए अस्पताल में पुलिस से शव छीन लिया। इसके बाद पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। हाॅस्पिटल में हंगामे की सूचना पर जिलाधकारी पी के पांडेय और एसएसपी बबलू कुमार मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने काफी मुश्किल से परिजनों से शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया।

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हत्या की सूचना मिलते ही आलाधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए और वे आनन-फानन में मौके पर पहुंचे। पुलिस अधिकारियों ने मामले की जानकारी ली और किसी तरह लोगों को शांत कराने की कोशिश की। कमिश्नर चंद्रप्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि अभी जांच की जा रही है कि युवक को गोली कहां और कैसे लगी। शहर में तनाव को देखते हुए स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। जिले भर में सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस ने हत्या का अभियोग पंजीकृत कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने शक के आधार पर कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए इलाके में कई थानों की पुलिस और पीएसी बल को तैनात किया गया है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं।

गौरतलब है कि महाराणा प्रताप जयंती को देखते हुए जिला प्रशासन पहले से अलर्ट पर था। इसके लिए महाराणा प्रताप भवन पर 800 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। प्रशासन ने 200 लोगों को जयंती मनाने की सशर्त अनुमति दी थी। वहीं, भीम आर्मी ने जयंती नहीं मनाने की चेतावनी दी थी। बता दें कि महाराणा प्रताप भवन वही जगह है, जहां एक साल पहले आज ही के दिन 9 मई को उस समय जबरदस्त बवाल हुआ था, जब शब्बीरपुर के दलितों को न्याय दिलाने के लिए भीम आर्मी प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान यहां भारी आगजनी और हिंसा की घटना भी हुई थी। सचिन के परिजनों का कहना है कि महाराणा प्रताप की जयंती नहीं मनाने की चेतावनी दी गई थी, लेकिन फिर भी प्रशासन ने इसकी अनुमति दी। आरोप है कि कार्यक्रम में राजपूत समाज के कई कार्यकर्ता हथियारों का प्रदर्शन कर रहे थे।

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