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राज्य से बाहर रहकर भी चुनाव में वोट डाल सकेंगे मतदाता, तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग, जानें कैसे करेगा यह काम

चुनाव आयोग ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) को दिखाने के लिए राजनीतिक दलों को 16 जनवरी 2023 को बुलाया है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार आयोग ने ‘रिमोट वोटिंग’ पर एक प्रस्ताव पत्र जारी किया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

भारत निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को कहा कि वह घरेलू प्रवासियों के लिए रिमोट वोटिंग के लिए तैयार है और प्रवासी मतदाताओं को मतदान करने के लिए अपने गृह राज्यों की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी। ईसीआई ने एक प्रोटोटाइप बहु-निर्वाचन क्षेत्र रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन विकसित की है और प्रोटोटाइप आरवीएम के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है।

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बता दें कि चुनाव आयोग ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) को दिखाने के लिए राजनीतिक दलों को 16 जनवरी 2023 को बुलाया है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी एक बयान के अनुसार आयोग ने ‘रिमोट वोटिंग’ पर एक प्रस्ताव पत्र जारी किया है। इस प्रस्ताव को लागू करने में जो भी कानूनी, प्रशासनिक प्रक्रियात्मक, तकनीकी तथा तकनीकि संबंधी चुनौतियां आएंगी, उसपर राजनीतिक दलों के विचार मांगे गए हैं।  

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प्रोटोटाइप आरवीएम एक रिमोट पोलिंग बूथ से कई निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकता है। प्रवास आधारित विघटन तकनीकी प्रगति के युग में एक विकल्प नहीं है। आम चुनाव 2019 में मतदान 67.4 प्रतिशत था और भारत का चुनाव आयोग 30 करोड़ से अधिक मतदाताओं के अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करने के मुद्दे के बारे में चिंतित है और यह भी आयोग ने कहा कि विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग मतदान हुआ। लगभग 85 प्रतिशत आंतरिक प्रवासन राज्यों के भीतर होता है।

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चुनाव आयोग की टीम ने सभी सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में प्रवासियों की चुनावी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए समावेशी समाधान खोजने के लिए विस्तार से विचार-विमर्श किया है और वैकल्पिक मतदान विधियों जैसे दो-तरफा भौतिक ट्रांजिट पोस्टल बैलेट, प्रॉक्सी वोटिंग, विशेष प्रारंभिक मतदान केंद्रों पर शुरूआती मतदान, एक- डाक मतपत्रों का एकतरफा या दोतरफा इलेक्ट्रॉनिक प्रसारण (ईटीपीबीएस), इंटरनेट आधारित मतदान प्रणाली शामिल है।

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चुनाव आयोग एनआरआई भारतीयों के लिए भी मतदान को आसान बनाने की योजनाओं पर काम कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक एक आंकड़े में एनआरआई की संख्या लगभग 1.5 करोड़ हैं और उनमें से लगभग पचीस हजार वर्तमान में भारतीय मतदाताओं के रूप में पंजीकृत हैं। हालांकि अगर ऐसे लोगों को वोटिंग की सुविधा मिलती है तो इसकी संख्या और भी हो सकती है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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