
इजरायल के लगातार हमलों से गाजा में हालात भयावह होते जा रहे हैं। गाजा के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा में मृतकों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण अस्पताल परिसर में शवों को दफनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। आज अस्पताल परिसर में एक सामूहिक कब्र में करीब 179 लोगों को दफनाया गया है।
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अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अल शिफा अस्पताल के निदेशक मोहम्मद अबू सल्मिया ने कहा, "हमें उन्हें (शवों को) सामूहिक कब्र में दफनाने के लिए मजबूर किया गया था। दफनाए गए लोगों में सात बच्चे और 29 गहन देखभाल वाले मरीज शामिल हैं।"
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गाजा में स्थित आर्थोपेडिक सर्जन फादेल नईम ने कहा कि चिकित्सा आपूर्ति की कमी के कारण घायल मरीजों की बिना एनेस्थीसिया के सर्जरी करानी पड़ रही है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''यह प्रमुख और महत्वपूर्ण सर्जरी के लिए एनेस्थीसिया की शेष आपूर्ति को संरक्षित करने के लिए है, जो किसी भी समय समाप्त होने के कगार पर है।"
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अल जज़ीरा ने बताया कि एनेस्थीसिया के बिना सर्जिकल हस्तक्षेप के दौरान मरीजों द्वारा अनुभव किया जाने वाला दर्द मानवता के सहन से परे है। यूरो-मेड ह्यूमन राइट्स मॉनिटर के अनुसार, इजरायल ने 7 अक्टूबर से गाजा पर दो परमाणु बमों के बराबर 25,000 टन से अधिक विस्फोटक गिराए हैं।
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गाजा के सैटेलाइट इमेजरी और तस्वीरों से पता चलता है कि पूरे पड़ोस को समतल कर दिया गया है। कई अस्पताल, स्कूल, पूजा स्थल और घर इजरायली भूमि, समुद्र और हवाई हमलों से क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं। अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, संपूर्ण संचार प्रणालियां और जल उपचार संयंत्र भी अक्षम कर दिए गए हैं।
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