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एक और जंग की आहटः जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर भड़का उत्तर कोरिया, युद्ध की तैयारी का लगाया आरोप

इसने कहा कि यह जापान की धमकी भरी सत्ता को छिपाने और क्षेत्रीय स्थिति को धीरे-धीरे बढ़ाने वाली उसकी लापरवाह हरकतों को उचित ठहराने का बेशर्मी भरा तर्क है, ताकि पूरे द्वीपसमूह को अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति के लिए सैन्य चौकी और लॉजिस्टिक आधार बनाया जा सके।

जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर भड़का उत्तर कोरिया, युद्ध की तैयारी का लगाया आरोप
जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर भड़का उत्तर कोरिया, युद्ध की तैयारी का लगाया आरोप फोटोः सोशल मीडिया

उत्तर कोरिया ने जापान के 'डिफेंस वाइट पेपर' पर सख्त ऐतराज जताया है। दरअसल, इस रक्षा रिपोर्ट में उत्तर कोरिया को 'खतरा' बताया गया है। बिफरे उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने इसे 'युद्ध की तैयारी' और आक्रामक इरादों वाला कदम करार दिया है। उत्तर कोरिया ने जापान पर आरोप लगाया कि वह खुद को एक सैन्य ताकत बनाने की कोशिश को छुपाने के लिए ऐसा कर रहा है।

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नॉर्थ कोरियाई विदेश मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले द इंस्टीट्यूट फॉर जापान स्टडीज ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के जरिए बयान जारी कर जापान के रक्षा श्वेत पत्र (डिफेंस वाइट पेपर) की निंदा की। ये श्वेत पत्र तीन दिन पहले जापान ने जारी किया था। इस पत्र में उत्तर कोरिया, रूस और चीन को जापान के लिए 'गंभीर खतरा' बताया गया। साथ ही उत्तर कोरिया को रूस से सैन्य सहयोग के बदले परमाणु और मिसाइल तकनीक मिलने की संभावना पर 'गहरी चिंता' जताई गई।

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उत्तर कोरिया ने अपने बयान में जापान पर फिर से आक्रमण की महत्वाकांक्षा रखने और पूर्वव्यापी स्ट्राइक क्षमता हासिल करने का आरोप लगाया, जिसमें हाल के वर्षों में स्वदेशी लंबी दूरी की मिसाइलों का विकास और विदेश से ऐसी मिसाइलों की खरीद का हवाला दिया गया। योनहाप न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बयान में जापान के रक्षा श्वेत पत्र को 'पुन: आक्रमण की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए युद्ध का माहौल पैदा करने' की सोच करार दिया और चेतावनी दी गई कि जापान का सैन्य महाशक्ति बनने का प्रयास क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को गंभीर रूप से खतरे में डालता है, जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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बयान में कहा गया, "यह जापान की धमकी भरी सत्ता को छिपाने और क्षेत्रीय स्थिति को धीरे-धीरे बढ़ाने वाली उसकी लापरवाह हरकतों को उचित ठहराने का बेशर्मी भरा तर्क है, ताकि पूरे द्वीपसमूह को अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति के लिए सैन्य चौकी और लॉजिस्टिक आधार बनाया जा सके।" इसमें दावा किया गया कि जापान अब लंबी दूरी के हमले और ट्रांस-डोमेन ऑपरेशन की क्षमता सहित आक्रामक युद्ध की क्षमता विकसित करने में जुटा है और यह मात्र अस्थायी प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि 'शांति राज्य' की पहले की नीति से हटकर सैन्य नीति का पुन: अभिविन्यास है।

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बयान में यह भी कहा गया, "वर्तमान घटनाक्रम एक बार फिर साबित करता है कि (उत्तर कोरिया) द्वारा अपनी परमाणु युद्ध निरोधक क्षमता को मजबूत करने के प्रयास अमेरिका और उसके सहयोगियों के उकसावे को सख्ती से दबाने में एक अनिवार्य योगदान के रूप में काम करते हैं।" केसीएनए ने एक अलग टिप्पणी में जापान, यूनाइटेड किंगडम और इटली के संयुक्त अगली पीढ़ी के लड़ाकू जेट विकसित करने के प्रोजेक्ट की आलोचना की और इसे जापान के 'युद्ध गठबंधन' को बहाल करने का प्रयास बताया। केसीएनए ने कहा, "जापान का सैन्य आधुनिकीकरण का षड्यंत्र अपने 'युद्ध गठबंधन' को बहाल करके पिछले साम्राज्यवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश में निहित है।" उन्होंने दावा किया कि यह संयुक्त लड़ाकू जेट प्रोजेक्ट आक्रामक युद्ध शुरू करने का रास्ता तैयार करता है।

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