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बांग्लादेशी प्रवासियों का लंदन में मुहम्मद युनूस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन, मानवाधिकारों के हनन के आरोप लगाए

प्रदर्शन बांग्लादेश में सरकार की ओर से लोगों के दमन, मानवाधिकारों के हनन और अलोकतांत्रिक गतिविधियों के विरोध में किया गया। इस प्रदर्शन को लेकर अवामी लीग भी मुहम्मद युनूस सरकार पर हमलावर है।

बांग्लादेशी प्रवासियों ने लंदन में मुहम्मद युनूस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया
बांग्लादेशी प्रवासियों ने लंदन में मुहम्मद युनूस सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया फोटो: सोशल मीडिया

बांग्लादेश की मुहम्मद यूनुस सरकार के खिलाफ विदेशी धरती पर विरोध बढ़ता जा रहा है। इस बार यूनाइटेड किंगडम में बांग्लादेशी प्रवासियों के 2,000 से अधिक सदस्यों ने लंदन के ट्राफलगर स्क्वायर में एक प्रदर्शन किया। 

प्रदर्शन बांग्लादेश में सरकार की ओर से लोगों के दमन, मानवाधिकारों के हनन और अलोकतांत्रिक गतिविधियों के विरोध में किया गया। इस प्रदर्शन को लेकर अवामी लीग भी मुहम्मद युनूस सरकार पर हमलावर है।

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प्रदर्शनकारियों ने ट्राफलगर स्क्वायर से डाउनिंग स्ट्रीट तक मार्च किया। इसके बाद उन्होंने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नाम एक पत्र सौंपा।

अवामी लीग ने कहा कि पत्र में बांग्लादेशी प्रवासियों ने कानून के शासन की कमजोरी और बांग्लादेश की स्वतंत्र, बहुलवादी और लोकतांत्रिक राजनीतिक संस्कृति पर हमलों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की।

पत्र में कहा गया, "ब्रिटेन सरकार अपने करीबी सहयोगी के अराजकता में डूबते हुए चुपचाप नहीं बैठ सकती। हमारे दोनों देशों का इतिहास आपस में जुड़ा हुआ है। आज ग्रेट ब्रिटेन में रहने वाले लाखों चिंतित लोग, जिनके परिवार और दोस्त बांग्लादेश में हैं, चाहते हैं कि ब्रिटेन इसमें सक्रिय रुचि ले।"

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पत्र में आगे कहा गया, "हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह अंतरिम प्रशासन को उसकी ओर से किए गए मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराए, स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतांत्रिक चुनावों की निगरानी करे और जहां जरूरी हो, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन लेकर यह सुनिश्चित करे कि बांग्लादेश में लोकतंत्र कायम रहे।"

 अवामी लीग के अनुसार, लंदन में प्रदर्शनकारियों ने यूनुस प्रशासन के सत्ता में आने के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों का भी विरोध किया। यूनुस शासन के पहले तीन महीनों में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2,000 से अधिक हमले दर्ज किए गए और ये लक्षित हिंसक घटनाएं अब भी अनियंत्रित रूप से जारी हैं।

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पार्टी ने दावा किया कि बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति ने मानवाधिकार संगठनों से अंतरराष्ट्रीय निंदा प्राप्त की है, जिन्होंने मीडिया पर दमन, धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा, और एक पूरी राजनीतिक पार्टी और इसके समर्थकों के उत्पीड़न की आलोचना की है।

अवामी लीग ने "गैर-निर्वाचित" अंतरिम सरकार द्वारा भविष्य के चुनावों में भाग लेने पर प्रतिबंध का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके परिणामस्वरूप लाखों बांग्लादेशी मतदाताओं का अधिकार छिन जाएगा।

अवामी लीग पर भविष्य के चुनावों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने का उल्लेख करते हुए पार्टी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, करोड़ों बांग्लादेशी मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। प्रदर्शनकारियों ने अवामी लीग समर्थकों के खिलाफ दर्ज किए गए हजारों मनमाने और राजनीति से प्रेरित आरोपों की भी निंदा की।

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अवामी लीग ने आरोप लगाया कि मीडिया और न्यायपालिका के सदस्यों को भी उनकी राजनीतिक निष्ठा के कारण निशाना बनाया गया है। अवामी लीग ने कहा, "पूर्व सरकार के प्रति सहानुभूति रखने वाले 160 से ज्यादा पत्रकारों की प्रेस मान्यता निलंबित कर दी गई है और कई वरिष्ठ पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है और हिरासत में लिया गया है। कुछ पर हत्या के झूठे आरोप लगाए गए हैं और वकीलों तक उनकी पहुंच सीमित है।

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