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आरोपों से घिरे मार्क जकरबर्ग की अमेरिकी संसद में पेशी, मांगी माफी, गलतियां नहीं दुहराने का दिया आश्वासन 

जकरबर्ग ने फेसबुक में हुई गड़बड़ियों की जिम्मेदारी ली और उनके लिए माफी मांगी। खास बात यह है कि जकरबर्ग ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत में आगामी चुनावों के दौरान पूरी सतर्कता बरती जाएगी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग अमेरिकी संसद में पेश

डेटा लीक मामले में बुरी तरह घिरे फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग अमेरिकी संसद में पेश हुए, जहां उन्हें सांसदों के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। यह सुनवाई एक घंटे से ज्यादा चली और इस दौरान अमेरिकी सांसदों ने जकरबर्ग पर सवालों की बौछार कर दी। इस सवाल-जवाब के दौरान 42 सांसदों ने फेसबुक संस्थापक से कई मुद्दों पर जवाब मांगे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के अलावा भारत और पाकिस्तान में होने वाले आम चुनावों को लेकर उनसे सफाई मांगी गई। सुनवाई में सेनेटर्स लगातार जकरबर्ग की दलीलों को चुनौती देते रहे।

अमेरिकी कांग्रेस में पेशी के दौरान जकरबर्ग ने कहा, “हमारी यह जिम्मेदारी है कि केवल टूल्स ही ना बनाएं, बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि उन टूल्स का गलत इस्तेमाल न हो। फेक न्यूज, हेट स्पीच, चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप, डेटा की निजता जैसे नुकसान को रोकने के लिए हम पर्याप्त कदम नहीं उठा पाए। यह बड़ी गलती है और मैं माफी मांगता हूं।”

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फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने सोमवार को अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष लिखित बयान देकर भी डेटा दुरुपयोग को लेकर माफी मांगी थी।

जब मार्क जकरबर्ग से सोशल नेटवर्क के भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि फेसबुक का एक फ्री वर्जन हमेशा रहेगा।

सेनेट कॉमर्स एंड ज्यूडिशियरी समितियों के सामने जकरबर्ग ने फेसबुक में हुई गड़बड़ियों की जिम्मेदारी ली और उनके लिए माफी मांगी। खास बात यह है कि जकरबर्ग ने इस दौरान यह भी कहा कि भारत में आगामी चुनावों के दौरान पूरी सतर्कता बरती जाएगी।

उन्होंने कहा, “हम आश्वस्त करते हैं कि भारत में आगामी चुनावों के दौरान सतर्कता बरतने में अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। डेटा प्राइवेसी और चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप ही सबसे बड़े मसले हैं, जिनका सामना कंपनी करती है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप पर जकरबर्ग ने कहा, “रूस में कुछ लोग ऐसे हैं जो हमारे सिस्टम और अन्य इंटरनेट व्यवस्था को खराब करते हैं। यह हथियारों की होड़ जैसा है। वे लगातार बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं और हमें भी बेहतरी के लिए निवेश करने की जरूरत है।” जकरबर्ग ने पहले यह स्वीकार किया था कि साल 2016 में हुए अमेरिकी चुनावों में गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने में फेसबुक असफल रहा था।

कई सांसदों ने जकरबर्ग से पूछा कि कैसे थर्ड पार्टी कंपनियों ने फेसबुक से निजी जानकारी हासिल की? जकरबर्ग का जवाब था, “हम जांच कर रहे हैं कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने क्या गोपनीय जानकारी जुटाई। हमें पता चला है कि उन्होंने किसी ऐप डेवलेपर से खरीद कर लाखों लोगों की जानकारी गलत तरीके से जुटाई।”

जकरबर्ग ने यह भी कहा, “2016 में हुए अमेरिकी चुनाव के बाद, हमारी प्राथमिकता दुनिया भर के चुनावों में सतर्कता बरतने की है।' जकरबर्ग ने यह भी साफ किया कि फेसबुक 2016 के चुनाव में रूसी हस्तक्षेप को लेकर जारी जांच में भी सहयोग कर रहा है। उन्होंने इसे बेहद गोपनीय मसला बताया और इसके अलावा कोई और जानकारी नहीं दी।

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