फिलीस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के कमिश्नर-जनरल फिलिप लाजारिनी ने कहा है कि गाजा पट्टी की स्थिति बेहद दयनीय है। इसकेे पहले यहां कभी इस तरह का संकट देखा नहीं गया था।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक लाज़ारिनी ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान में कहा, "हम एक ऐसी त्रासदी का सामना कर रहे हैं, जिसे टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि गाजा के लोगों को जानबूझकर भुखमरी की तरफ धकेला जा रहा है।"
लाज़ारिनी ने चेतावनी दी है कि गाजा पट्टी अकाल की कगार पर है। बच्चे भूख और प्यास के कारण मर रहे हैं। उन्होंने गाजा आने वाले सहायता ट्रकों के लिए और क्रॉसिंग खोलने की बात कही।
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गाजा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध के कारण कुपोषण से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, इनमें ज्यादातर बच्चे हैं।
इस बीच, लाज़ारिनी ने कहा कि एजेंसी को "अभी तक इज़राइल के इन आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला है कि यूएनआरडब्ल्यूए के कर्मचारियों ने पिछले साल सात अक्टूबर के हमले में भाग लिया था।"
गौरतलब है कि इज़राइल ने आरोप लगाया था कि यूएनआरडब्ल्यूए के 12 कर्मचारी दक्षिणी इज़राइल में हमास के हमले में शामिल थे।
इसके कारण कई देशों ने एजेंसी को लगभग 440 मिलियन डॉलर की सहयोग रोक दी, जो यूएनआरडब्ल्यूए की वार्षिक फंडिंग का लगभग आधा है।
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