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युद्ध के बीच यूक्रेन में ग्राउंड जीरो पर कैसे हैं हालात? वहां फंसे भारतीयों से नवजीवन ने की Exclusive बातचीत

कीव में फंसे एक भारतीय छात्र ने बताया कि वहां इमरजेंसी जैसे हालात हैं जैसे ही रूस ने हमले की घोषणा की लोग राशन लेने, पैसे निकालने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने बताया बाहर कई जगहों पर धमाकों की आवाजें सुनाई दी हैं।

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा के बाद से रूसी सेना द्वारा यूक्रेन के अलग-अलग जगहों पर हमले जारी हैं। जमीन से लेकर आसमान तक रूसी सेना यूक्रेन के सैन्य ढांचे को तबाह करने में जुटी हुई है। खबरों में दावा किया गया है कि अब तक रूसी सेना द्वारा की गई कार्रवाई में 300 से ज्यादा यूक्रेन के नागिरिक मारे जा चुके हैं। बताया जा रहा है कि रूसी सैनिक यूक्रेन में घुस गए हैं और कई इलाकों को अपने कब्जे में भी ले लिया है।

इन सबके बीच भारत के लिए बड़ी चिंता की खबर सामने आई है। बड़ी संख्या में भारतीय इस युद्द के बीच यूक्रेन में फंस गए हैं। आलाम यह है कि एयरस्पेस भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसका असर यह हुआ कि एयर इंडिया का जो विमान भारतीयों का रेस्क्यू करने के लिए यूक्रेन जा रहा था उसे वापस दिल्ली लौटना पड़ा। ऐसे में जो भारतीय छात्र वहां से दिल्ली आने वाले थे वो अब राजधानी कीव में फंस गए हैं। एक खबर की मानें तो आधिकारिक तौर पर 18 हजार भारतीय इस समय यूक्रेन में फंसे हुए हैं। ऐसे ही कुछ भारतीयों से नवजीवन ने खास बात की और वहां के हालात के बारे में जानने की कोशिश की।

कीव में फंसे राजस्थान के छात्र पुनित महावीर (जो यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं) ने नवजीवन से बातचीत में वहां के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यहां कि स्थिती इमरजेंसी जैसी हो गई है। जैसे ही रूस ने हमले की घोषणा की लोग राशन लेने, पैसे निकालने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने बताया बाहर कई जगहों पर धमाकों की आवाजें सुनाई दी हैं, जिससे लोगों के बीच और डर का माहौल पैदा हो गया है।

पुनित ने आगे कहा कि उनके कई साथियों को आज (गुरुवार) दिल्ली लौटना था, लेकिन एयर इंडिया की फ्लाइट वापस लौट गई है, जिस कारण अब कई लोग कीव एयरपोर्ट के पास ही फंसे हैं। उन्होंने बताया कि अब वहां के प्राशासन ने यह भी ऐलान कर दिया है कि यहां कभी भी ब्लैक आउट हो सकता है। यानी बिजली और इंटरनेट कभी भी ठप हो सकता है।

वहीं, एक दूसरे भारतीय छात्र रोहित ने बताया कि उनके यहां भारतीय एंबेसी के संपर्क में कुछ लोग तो हैं, लेकिन कई ऐसे भी हैं जो मदद का इंतजार कर रहे हैं। उनका कहना है कि अभी भी यहां 18 हजार से ज्यादा भारतीय फंसे हैं। रोहित ने बताया कि यूनिवर्सिटी पहले ही बंद हो चुकी है, लेकिन ऑनलाइन क्लासेस चल रही थीं। उन्होंने कहा कि पता नहीं था कि इतने तनाव पूर्ण हालात बन जाएंगे, नहीं तो पहले ही भारत रवाना हो जाते। रोहित ने बताया कि एमबेसी का कहना है कि घरों से बाहर मत निकलना।

वहीं, यूक्रेन से हाल में भारत लौटे एक अन्य छात्र आर्यन यादव से भी हमने बात की। आर्यन का कहना है कि वहां के हालात बहुत खराब हैं। वहां लोग इस तरह सहमे हुए हैं कि कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। आर्यन ने आरोप लगाया है कि वहां जो भी छात्र फंसे हैं वो एजेंट और कॉन्ट्रेक्टर के कारण फंसे हुए हैं। आर्यन का यह भी कहना है कि उनकी वहां फंसे छात्रों से लगातार बातचीत हो रही है। आर्यन के मुताबिक, वहां किसी भी समय ब्लैक आउट हो सकता है।

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