पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने शनिवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की सेवानिवृत्ति के बाद नया सैन्य नेतृत्व, 'पीटीआई, मीडिया और महत्वपूर्ण पत्रकारों के खिलाफ बाजवा की फासीवादी कार्रवाइयों के आठ महीने से अलग होगा'। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया कि पीटीआई सीनेटर आजम स्वाति के खिलाफ कार्रवाई से पूरा देश बदले की भावना से की गई क्रूरता से स्तब्ध है। और सवाल किया कि उनके अपराध क्या थे ?
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रिपोर्ट में कहा गया है खान ने पूछा, असंयमित भाषा और सवाल पूछने के लिए, जो लोकतंत्र में किसी का भी अधिकार है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, पाकिस्तान और उसकी सेना को 'तेजी से नकारात्मक' माना जा रहा है क्योंकि वर्तमान संघीय सरकार को 'मात्र कठपुतली सरकार' के रूप में देखा जा रहा है।
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खान ने कहा कि '74 वर्षीय सीनेटर स्वाति को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए, न केवल इसलिए कि उन्होंने इस मानसिक और शारीरिक यातना के लिए कोई अपराध नहीं किया', बल्कि इसलिए कि 'अपमानजनक और तामसिक लक्ष्यीकरण' सेना की विश्वसनीयता को कम कर रहा। पिछले हफ्ते, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से ट्वीट करने के लिए इस्लामाबाद में संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की साइबर क्राइम विंग द्वारा चक शहजाद में उनके फार्महाउस पर छापे के बाद सीनेटर आजम स्वाति को दूसरी बार हिरासत में लिया गया था।
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बाद में उन्हें एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें दो दिन की फिजिकल रिमांड पर एफआईए को सौंप दिया। इसके अलावा, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) ने तत्काल प्रभाव से सभी सैटेलाइट टीवी चैनलों पर स्वाति के भाषणों, समाचार सम्मेलनों और उनके मीडिया कवरेज के प्रसारण और पुनप्र्रसारण पर रोक लगा दी, जिसमें अतिथि के रूप में टॉक शो, बयान या टिकर शामिल हैं।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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