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क्रिसमस से पहले ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय पर हमला, रब्बी की कार पर फायर बॉम्बिंग से हड़कंप

मेलबॉर्न में क्रिसमस से पहले रब्बी की कार पर फायर बॉम्बिंग की कोशिश की गई। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे संदिग्ध यहूदी-विरोधी हमला बताया है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। क्रिसमस की सुबह से ठीक पहले मेलबॉर्न में एक रब्बी के घर के बाहर खड़ी कार को आग लगाने की कोशिश की गई। ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इस घटना को कार फायर बॉम्बिंग करार दिया है, जबकि प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे संदिग्ध एंटी-सेमिटिक हमला बताया है।

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आधी रात के बाद हुआ हमला

पुलिस के मुताबिक, यह घटना गुरुवार तड़के करीब 2:50 बजे मेलबॉर्न के सेंट किल्डा ईस्ट इलाके में हुई। बालाक्लावा रोड पर स्थित रब्बी के घर के ड्राइववे में खड़ी एक सिल्वर सेडान कार पर आग लगाने वाला बम फेंका गया। आग की चपेट में आने से कार का दरवाजा जल गया, हालांकि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया।

कार पर ‘हैप्पी हनुक्का’ लिखा एक छोटा बोर्ड लगा हुआ था, जो इस हमले को धार्मिक नफरत से जोड़कर देखने की वजह बन रहा है।

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परिवार सुरक्षित, कोई हताहत नहीं

पुलिस ने बताया कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। एहतियात के तौर पर रब्बी और उनके परिवार को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बाद में जली हुई कार को ड्राइववे से हटा दिया गया, लेकिन टूटे हुए शीशों के कांच अब भी वहां बिखरे नजर आए।

यह घर एक यहूदी स्कूल के सामने स्थित है। ड्राइववे के पास बच्चों की साइकिल और जूतों की कतारें रखी थीं, जो इस बात को रेखांकित करती हैं कि यह हमला किस तरह आम नागरिकों और बच्चों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता था।

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संदिग्ध की पहचान

विक्टोरिया पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि मूरैबिन क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट इस संदिग्ध आगजनी की जांच कर रही है। पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति की पहचान कर ली है, जो जांच में मदद कर सकता है। फिलहाल मामले की गहन जांच जारी है।

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एंटी-सेमिटिज्म क्या है?

एंटी-सेमिटिज्म का मतलब यहूदियों के प्रति नफरत, पूर्वाग्रह, भेदभाव या दुश्मनी से है। यह एक नस्लवादी सोच मानी जाती है, जिसमें यहूदियों को निशाना बनाना, उनके खिलाफ हिंसा, बहिष्कार या साजिश फैलाना शामिल होता है। हाल के वर्षों में दुनिया के कई हिस्सों में इस तरह की घटनाएं चिंता का कारण बनी हैं।

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पहले हुए हमले से जुड़ती कड़ियां

यह घटना बॉन्डी बीच पर हुए हनुक्का फेस्टिवल हमले के 11 दिन बाद सामने आई है। उस हमले में दो बंदूकधारियों ने फायरिंग कर 15 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। यहूदियों का रोशनी का त्योहार हनुक्का 22 दिसंबर को समाप्त हुआ था, लेकिन उसके बाद भी यहूदी समुदाय को निशाना बनाए जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

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प्रधानमंत्री का कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बॉन्डी बीच हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया का यहूदी समुदाय पहले ही शोक में है और मेलबॉर्न में कार को आग लगाने की यह घटना संदिग्ध यहूदी-विरोधी भावना का एक और भयावह उदाहरण है।

पीएम अल्बनीज ने साफ शब्दों में कहा कि ऑस्ट्रेलिया में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है और ऐसी घटनाओं को हर हाल में रोका जाएगा। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि जरूरत पड़ने पर फेडरल एजेंसियां स्थानीय प्रशासन की पूरी मदद करेंगी।

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बढ़ती चिंता, सख्त निगरानी की मांग

लगातार हो रही घटनाओं के बीच ऑस्ट्रेलिया में यहूदी समुदाय के बीच डर और चिंता का माहौल है। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग उठ रही है, ताकि धार्मिक स्थलों, स्कूलों और समुदाय से जुड़े लोगों को सुरक्षित रखा जा सके।

मेलबॉर्न की यह घटना एक बार फिर यह दिखाती है कि धार्मिक नफरत किसी भी समाज की शांति और एकता के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकती है।

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