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यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की टली फांसी की सजा

यमन की एक अदालत ने 2020 में उसे मौत की सजा सुनाई थी और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में उसकी अपील खारिज कर दी थी।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी यमनी अधिकारियों ने टाल दी है। सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारतीय नर्स को बुधवार यानी कल फांसी दी जानी थी।

केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली प्रिया को जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया है। सूत्रों ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी की सजा टाल दी है।

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यमन की एक अदालत ने 2020 में उसे मौत की सजा सुनाई थी और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में उसकी अपील खारिज कर दी थी। भारत की 38 वर्षीय नर्स अभी यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाला क्षेत्र है।

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उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता के बावजूद भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में रहे, जिसके कारण सजा स्थगित कराने में सफलता मिली।

प्रिया की मां प्रेमकुमारी पिछले साल उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत यमन गई थीं। भारत ने प्रिया की रिहाई के लिए ‘‘दियात’’ या ‘‘ब्लड मनी’’ (एक तरह का मुआवजा) का विकल्प भी तलाशा था। लेकिन पता चला है कि इसमें भी कुछ समस्याएं हैं।

सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन यमन की स्थिति को देखते हुए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता।

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अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा, ‘‘एक सीमा तक ही भारत सरकार प्रयास कर सकती है और हम उस सीमा तक पहुंच चुके हैं।’’ शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा था कि सरकार अपने नागरिकों को बचाना चाहती है और इस मामले में हरसंभव प्रयास कर रही है।

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