यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी यमनी अधिकारियों ने टाल दी है। सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। भारतीय नर्स को बुधवार यानी कल फांसी दी जानी थी।
केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली प्रिया को जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया है। सूत्रों ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि यमन के स्थानीय अधिकारियों ने 16 जुलाई को होने वाली फांसी की सजा टाल दी है।
Published: undefined
यमन की एक अदालत ने 2020 में उसे मौत की सजा सुनाई थी और देश की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में उसकी अपील खारिज कर दी थी। भारत की 38 वर्षीय नर्स अभी यमन की राजधानी सना की एक जेल में बंद है, जो ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाला क्षेत्र है।
Published: undefined
उन्होंने बताया कि मामले की संवेदनशीलता के बावजूद भारतीय अधिकारी स्थानीय जेल अधिकारियों और अभियोजक कार्यालय के साथ नियमित संपर्क में रहे, जिसके कारण सजा स्थगित कराने में सफलता मिली।
प्रिया की मां प्रेमकुमारी पिछले साल उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत यमन गई थीं। भारत ने प्रिया की रिहाई के लिए ‘‘दियात’’ या ‘‘ब्लड मनी’’ (एक तरह का मुआवजा) का विकल्प भी तलाशा था। लेकिन पता चला है कि इसमें भी कुछ समस्याएं हैं।
सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया था कि वह हरसंभव कोशिश कर रही है, लेकिन यमन की स्थिति को देखते हुए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता।
Published: undefined
अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ से कहा, ‘‘एक सीमा तक ही भारत सरकार प्रयास कर सकती है और हम उस सीमा तक पहुंच चुके हैं।’’ शीर्ष विधि अधिकारी ने कहा था कि सरकार अपने नागरिकों को बचाना चाहती है और इस मामले में हरसंभव प्रयास कर रही है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined