
ब्रिटेन के राजा चार्ल्स ने अपने छोटे भाई एंड्रयू से प्रिंस की उपाधि छीन ली है और जेफरी एपस्टीन स्कैंडल से जुड़े होने के कारण उन्हें विंडसर स्थित अपने महल से बाहर निकाल दिया है। प्रिंस चार्ल्स का ये कदम आधुनिक राजशाही के इतिहास में किसी पारिवारिक सदस्य के खिलाफ लिए गए सबसे कठोर फैसलों में से एक है। शाही परिवार से अलग-थलग हो चुके पूर्व राजकुमार एंड्रयू पूर्वी इंग्लैंड के सैंड्रिंघम एस्टेट में एक निजी आवास में रहने के लिए चले जाएंगे।
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बकिंघम पैलेस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, एंड्रयू को पश्चिमी लंदन में विंडसर एस्टेट स्थित अपने रॉयल आवास की लीज छोड़ने का औपचारिक नोटिस दिया गया है। दिवंगत महारानी एलिजाबेथ के दूसरे बेटे, 65 साल के एंड्रयू पर उनके गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और दिवंगत यौन अपराधी एपस्टीन के साथ संबंधों को लेकर बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले अक्टूबर में उन्हें ड्यूक ऑफ यॉर्क की अपनी उपाधि का उपयोग बंद करने के लिए मजबूर किया गया था।
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किंग चार्ल्स के इस कदम से ब्रिटेन में काफी हलचल मच गई है। राजा चार्ल्स ने एंड्रयू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी सभी उपाधियां छीन ली हैं। बकिंघम पैलेस ने कहा, "यह निंदा आवश्यक समझी जाती है, भले ही वह अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार करते रहे हों। महामहिम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी संवेदनाएं और गहरी सहानुभूति किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के पीड़ितों और बचे लोगों के साथ रही हैं और रहेंगी।"
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एंड्रयू ने 1980 के दशक की शुरुआत में अर्जेंटीना के साथ फॉकलैंड युद्ध के दौरान एक नौसेना अधिकारी के रूप में कार्य किया था। उन्हें 2011 में ब्रिटेन के व्यापार राजदूत की भूमिका से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा और 2019 में सभी शाही कर्तव्यों से भी इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद, 2022 में उन पर यौन दुराचार के आरोप लगे, जिनका उन्होंने हमेशा खंडन किया है। इस दौरान उनके सैन्य संबंधों और शाही संरक्षण को भी छीन लिया गया।
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