
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मौत से जुड़ी अफवाहों और राजनीतिक हलचल के बीच हालात एक बार फिर तनावपूर्ण होते दिख रहे हैं। तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) की ओर से दी गई ‘चलो अडियाला’ की कॉल के बाद देशभर से हजारों समर्थक रावलपिंडी की तरफ कूच कर रहे हैं। पेशावर, लाहौर, फ़ैसलाबाद और हरिपुर से PTI समर्थकों का कारवां लगातार बढ़ रहा है, जबकि सरकार ने हालात को नियंत्रण में रखने के लिए रावलपिंडी में धारा 144 लागू कर दी है।
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इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर आज बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की घोषणा की गई है। ख़ैबर पख़्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफ़रीदी ने खुद इस प्रदर्शन का ऐलान किया है। इसी बीच, रावलपिंडी प्रशासन ने चेतावनी दी है कि शहर में किसी भी तरह के सार्वजनिक जमावड़े पर सख़्त रोक रहेगी। रावलपिंडी के उपायुक्त डॉ. हसन वकार चीमा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दंड प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) अधिनियम, 2024 के तहत 1 से 3 दिसंबर तक पूरे ज़िले में धारा 144 लागू रहेगी।
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किसी भी प्रकार की रैली, धरना, जुलूस, विरोध प्रदर्शन और पाँच से अधिक लोगों के जमावड़े पर रोक
हथियार, पेट्रोल बम, डंडे, स्लिंगशॉट यानी गुलेल, विस्फोटक सामग्री ले जाने पर कड़ी मनाही
हथियारों का प्रदर्शन भी प्रतिबंधित
घृणास्पद, भड़काऊ या आपत्तिजनक भाषण पर रोक
पुलिस द्वारा लगाए गए किसी भी बैरिकेड या प्रतिबंध को हटाने की कोशिश गैरकानूनी
वाहनों में पीछे की सीट पर अतिरिक्त सवारियों की मनाही
लाउडस्पीकर का उपयोग पूर्णतः प्रतिबंधित
प्रशासन का कहना है कि ये कदम “सार्वजनिक सुरक्षा, शांति और सौहार्द बनाए रखने” के लिए उठाए गए हैं। सरकारी आदेश में यह भी दावा किया गया है कि ज़िला ख़ुफ़िया समिति ने संभावित साजिशों का इनपुट दिया है। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ समूह और तत्व बड़े स्तर पर भीड़ जुटाकर कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिशों में लगे हैं।
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खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि ये समूह:
संवेदनशील इलाकों को निशाना बना सकते हैं
सरकारी प्रतिष्ठानों और प्रमुख स्थानों पर हिंसक गतिविधियाँ भड़का सकते हैं
भीड़ का फायदा उठाकर अराजकता फैलाने की कोशिश कर सकते हैं
इन रिपोर्टों के बाद ही प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ाते हुए पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा है।
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अगस्त 2023 से अडियाला जेल में बंद इमरान खान कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद क़ैद हैं। वे इन मामलों को “पूरी तरह राजनीति से प्रेरित” बताते रहे हैं। लेकिन अब तनाव इस बात को लेकर है कि उनके परिवार को एक महीने से अधिक समय से उनसे मिलने नहीं दिया गया। सुरक्षा कारणों का हवाला देकर मुलाक़ातें रोक दी गईं, परिवार ने इमरान के 'जिंदा होने का प्रमाण' मांग लिया है, उनकी बहनें अडियाला जेल के बाहर धरने पर बैठ गई हैं, और देशभर में PTI समर्थकों के बीच अजीब सी बेचैनी फैली हुई है।
इमरान खान की सेहत को लेकर अफवाहें लगातार फैल रही हैं, जबकि सरकार और जेल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। इसी बीच PTI समर्थकों का रावलपिंडी की ओर बढ़ता कारवां देश में नई राजनीतिक उथल-पुथल की तरफ इशारा कर रहा है। फिलहाल प्रशासन धारा 144 के जरिए स्थिति संभालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बढ़ते विरोध और हवा में तैर रही अनिश्चितता से हालात किसी भी वक्त बदल सकते हैं।
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